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Up Kiran, Digital Desk: इज़राइल द्वारा महीनों पहले किए गए दावे के बाद आखिरकार हमास ने स्वीकार किया है कि उसका शीर्ष सैन्य कमांडर मोहम्मद सिनवार अब जीवित नहीं है। फ़िलिस्तीनी संगठन ने शनिवार को एक बयान जारी कर सिनवार की मौत की पुष्टि की और उसकी तस्वीर साझा कर उसे ‘शहीद’ बताया। हालाँकि, मौत से जुड़ी परिस्थितियों के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई।

इज़राइल ने इस साल मई में दक्षिणी गाज़ा स्थित एक अस्पताल पर हवाई हमला किया था, जिसमें प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सिनवार के मारे जाने का दावा किया था। नेतन्याहू ने संसद में कहा था कि “हमने मोहम्मद दैफ़, हसन नसरल्लाह और याह्या सिनवार सहित हज़ारों आतंकवादियों को समाप्त किया है। हम हमास की सैन्य और वित्तीय संरचना को जड़ से तोड़ रहे हैं और यह उनकी शासन क्षमता को खत्म कर रहा है।”

मोहम्मद सिनवार कौन थे?

16 सितंबर 1975 को खान यूनिस शरणार्थी शिविर में जन्मे मोहम्मद इब्राहिम हसन अल-सिनवार, हमास प्रमुख याह्या सिनवार के छोटे भाई थे। अब्देल अज़ीज़ अल-रंतिसी से प्रेरित होकर उन्होंने 1991 में हमास का दामन थामा और तेजी से संगठन में ऊँचे पदों तक पहुँचे। 2005 में उन्हें खान यूनिस ब्रिगेड का कमांडर बना दिया गया।

सिनवार का नाम 2006 में इज़राइली सैनिक गिलाद शालिट के अपहरण में भी आया। शालिट को पाँच साल बाद, 1,000 से अधिक फ़िलिस्तीनी कैदियों के बदले रिहा किया गया था। रिपोर्टों के मुताबिक, उसने अल-क़ायदा से जुड़े संगठन अंसार बैत अल-मकदीस को इस्लामिक स्टेट (ISIS) में शामिल होने के लिए भी तैयार किया था।

इज़राइल ने 2006 और 2008 में उसे निशाना बनाया, लेकिन हमास ने दोनों बार उसकी मौत का नाटक कर उसे बचा लिया। हाल ही में, उसका भाई याह्या सिनवार भी गाज़ा में इज़राइल के हमले में मारा गया, जिसे 7 अक्टूबर के हमलों का मुख्य सूत्रधार माना जाता था।

7 अक्टूबर का हमला और सिनवार की भूमिका

इज़राइली खुफिया एजेंसियों का दावा है कि मोहम्मद सिनवार 7 अक्टूबर 2023 के हमलों के मुख्य योजनाकारों में से एक था। उस दिन हमास के लड़ाकों ने सीमा पार कर इज़राइल पर बड़ा हमला किया था, जिसमें हज़ारों लोग मारे गए। एजेंसियों के अनुसार, सिनवार ने “ऑपरेशन प्रमुख” के तौर पर न केवल हमले की योजना बनाई बल्कि उसे अंजाम दिलाने में भी केंद्रीय भूमिका निभाई।

सिनवार की मौत की आधिकारिक पुष्टि भले ही देर से आई हो, लेकिन उसका अंत हमास की शीर्ष कमांड श्रृंखला के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। यह भी साफ है कि इज़राइल और हमास के बीच टकराव की यह कड़ी अभी और लंबी चल सकती है।

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