
Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का बिगुल अभी से बजने लगा है। दुर्गा पूजा के त्योहार के तुरंत बाद, सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) चुनावी मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चौथी पारी के लिए जमीन मजबूत करने के मकसद से, पार्टी 5 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक एक सप्ताह का राज्यव्यापी महा-जनसंपर्क अभियान शुरू करने जा रही है। इस अभियान को 'विजया सम्मिलनी' (Vijaya Sammilani) का नाम दिया गया है, जिसके तहत पार्टी के नेता दुर्गा पूजा के बाद होने वाले मिलन समारोहों में हिस्सा लेंगे और सीधे जनता से जुड़ेंगे।
अभिषेक बनर्जी ने तैयार की रणनीति: तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी इस पूरे कार्यक्रम રૂપरेखा तैयार की है और पार्टी के सभी नेताओं को इसमें सक्रिय रूप से हिस्सा लेने का निर्देश दिया है।
इस अभियान के तहत, पार्टी के 50 से अधिक शीर्ष नेता, जिनमें सांसद, विधायक, राज्य के मंत्री और छात्र नेता शामिल हैं, राज्य के हर एक ब्लॉक का दौरा करेंगे। ये नेता अलग-अलग इलाकों में जाकर आम लोगों से सीधे बातचीत करेंगे, त्योहार की शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करेंगे और साथ ही, शासन-प्रशासन के खिलाफ उनकी शिकायतों को भी सुनेंगे और समझने की कोशिश करेंगे।
क्या है TMC का चुनावी गेम प्लान: यह अभियान सिर्फ त्योहार के बहाने मेल-मुलाकात तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक सोची-समझी चुनावी रणनीति है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि तृणमूल इस त्योहारी मौसम में लोगों तक पहुंचने का कोई भी मौका गंवाना नहीं चाहती।
'विजया सम्मिलनी' के मंच से पार्टी तीन बड़े मुद्दों को जनता बीच ले जाएगी:
केंद्र पर हमला: केंद्र सरकार द्वारा राज्य की कथित 'उपेक्षा' का मुद्दा जोर-शोर से उठाया जाएगा।
बंगाली अस्मिता: देशभर में, खासकर भाजपा शासित राज्यों में बंगाली श्रमिकों पर हो रहे 'हमलों' का मुद्दा उठाया जाएगा।
सरकार की उपलब्धियां: पिछले 15 सालों में ममता बनर्जी सरकार द्वारा किए गए कामों और उसकी उपलब्धियों को जनता के सामने रखा जाएगा।
माना जा रहा है कि यह 'विजया सम्मिलनी' 2026 के चुनाव से पहले पार्टी के जनाधार को और भी मजबूत करने के लिए तृणमूल का एक नया दांव है, खासकर उन इलाकों में जहां पार्टी का संगठन थोड़ा कमजोर है।