violence in Manipur: मणिपुर में हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, एक और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जिरीबाम जिले की 31 वर्षीय आदिवासी महिला के साथ क्रूरतापूर्वक दुष्कर्म किया गया और फिर उसे आग के हवाले कर दिया गया, जिससे स्थानीय समुदाय सदमे में है।
तीन छोटे बच्चों की मां पर हथियारबंद लोगों ने गुरुवार को उसके घर पर हमला कर दिया। ये खौफनाक घटना इस क्षेत्र में हिंसक घटनाओं की श्रृंखला में नवीनतम है, कई लोगों का अनुमान है कि इस नवीनतम अपराध के पीछे सांप्रदायिक और जातिगत तनाव का मकसद हो सकता है।
महिला के पति ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें सामने आई भयानक घटनाओं पर प्रकाश डाला गया है। प्रारंभिक पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, ये हिंसक हमला आकस्मिक नहीं था, बल्कि सांप्रदायिक और जाति-आधारित प्रेरणाओं के साथ किया गया था। शुक्रवार देर शाम तक अपराधियों की पहचान अज्ञात है, मगर अधिकारियों को संदेह है कि हमलावर घाटी के स्थानीय निवासी हो सकते हैं।
महिला की दुखद मौत जौरावन गांव में हुई, जहां उग्रवादियों ने हमला किया था। यौन उत्पीड़न और हत्या के साथ साथ हमले के दौरान कई घरों में आग लगा दी गई, ये एक ऐसी रणनीति है जो इस क्षेत्र में चिंताजनक रूप से आम हो गई है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या ये क्रूरताएं पिछले साल से मणिपुर में चल रही जातीय हिंसा से जुड़ी हैं।
आपको बता दें कि मणिपुर राज्य 3 मई, 2023 से उथल-पुथल में है, जब आदिवासी समुदायों द्वारा मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में आदिवासी एकजुटता मार्च का आयोजन किया गया था। इस मार्च ने व्यापक हिंसा को जन्म दिया और जातीय संघर्ष में लोगों की जान चली गई। 200 से अधिक लोगों की मौत और हजारों लोगों के विस्थापित होने के साथ मैतेई, नागा और कुकी समुदायों के बीच हिंसा ने इस क्षेत्र को लगातार भय और दहशत की स्थिति में छोड़ दिया है।
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