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Up Kiran, Digital Desk: सोशल मीडिया की दुनिया में कब, क्या वायरल हो जाए, कोई नहीं कह सकता. कई बार तो ये मनोरंजन का ज़रिया बनता है, लेकिन अक्सर ये लोगों के लिए बड़ी परेशानी का सबब भी बन जाता है. हाल ही में ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला वाकया सामने आया है, जहां एक्टर मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) की एक को-स्टार (co-star) अपनी मॉर्फ्ड तस्वीरों (morphed photos) के चलते ऑनलाइन वायरल हो गईं, और उन्होंने इस पर अपनी गहरी पीड़ा व्यक्त की है. उन्होंने खासकर इस बात पर चिंता जताई है कि उनकी ये तस्वीरें अगर उनके 12 साल के बेटे ने देख लीं, तो उस पर क्या असर पड़ेगा! यह घटना एक बार फिर साइबर क्राइम और ऑनलाइन उत्पीड़न की गंभीरता को उजागर करती है.

मॉर्फ्ड तस्वीरों से मिली मानसिक पीड़ा

फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को हमेशा पब्लिक लाइफ में रहना पड़ता है, और उनकी हर बात और हर तस्वीर पर लोगों की नज़र होती है. लेकिन जब किसी की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें गलत तरीके से पेश किया जाता है, तो यह किसी के भी जीवन को तबाह कर सकता है. मनोज बाजपेयी की को-स्टार के साथ भी ऐसा ही हुआ. उनकी कुछ मॉर्फ्ड तस्वीरों को गलत इरादे से ऑनलाइन फैलाया गया, जिससे उन्हें मानसिक रूप से भारी पीड़ा पहुंची.

  1. निजी ज़िंदगी में दखल: किसी की तस्वीरों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना उनकी निजता (privacy) का सरासर उल्लंघन है. ये सिर्फ उनकी इमेज को ही खराब नहीं करता, बल्कि उनकी व्यक्तिगत और पारिवारिक ज़िंदगी में भी भूचाल ला देता है.
  2. बेटे को लेकर चिंता: उस अभिनेत्री की सबसे बड़ी चिंता यह थी कि उनकी मॉर्फ्ड तस्वीरें कहीं उनके मासूम 12 साल के बेटे के हाथों न लग जाएं. एक मां होने के नाते, उनका यह डर बिल्कुल जायज है कि इतनी कम उम्र में बच्चे पर ऐसी तस्वीरें देखने का क्या मनोवैज्ञानिक असर होगा. ये सवाल न सिर्फ उस अभिनेत्री का है, बल्कि उन सभी लोगों का है जिनके बच्चों पर इंटरनेट के अंधेरे पक्ष का साया पड़ने का डर होता है.
  3. ऑनलाइन उत्पीड़न और साइबरबुलिंग: यह घटना एक बार फिर से दिखाती है कि सोशल मीडिया कैसे एक टूल के रूप में ऑनलाइन उत्पीड़न और साइबरबुलिंग (cyberbullying) का मंच बन सकता है, जहां लोग बिना सोचे-समझे दूसरों की ज़िंदगी खराब कर देते हैं.

इस घटना के बाद से ऑनलाइन सुरक्षा और खासकर मॉर्फ्ड तस्वीरों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग और तेज हो गई है. हमें यह समझना होगा कि इंटरनेट सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि इसका गलत इस्तेमाल किसी के भी जीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है. ऐसे मामलों में, पीड़ित को तुरंत पुलिस में शिकायत करनी चाहिए और समाज को भी ऐसी मानसिकता के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए, जो दूसरों की इज्जत पर हमला करती है.