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Up Kiran, Digital Desk: सऊदी अरब एक ऐसा देश है, जहां परंपराओं और इस्लामिक क़ानूनों के कारण शराब की बिक्री और सेवन पर सख्त पाबंदी है। यहां पर शराब केवल विशेष परिस्थितियों में और बहुत ही सीमित दायरे में उपलब्ध होती है। अब, सऊदी अरब ने एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिससे इस्लामिक कानूनों के बीच शराब की बिक्री में कुछ ढील दी गई है। लेकिन इस छूट को पाने के लिए बहुत कड़ी शर्तें हैं।

क्या बदल रहा है?

हाल ही में, सऊदी अरब ने अपनी राजधानी रियाद में स्थित एकमात्र शराब की दुकान को गैर-मुस्लिम विदेशी निवासियों के लिए खोल दिया है। पहले यह दुकान केवल विदेशी राजनयिकों को ही शराब बेचती थी, लेकिन अब यह प्रीमियम रेजीडेंसी स्टेटस वाले गैर-मुसलमानों के लिए भी खोली गई है। इसका मतलब यह है कि अब जो लोग सऊदी अरब में उच्च वेतनमान वाले पेशेवर हैं, वे भी इस दुकान से शराब खरीद सकते हैं, लेकिन इसके लिए कुछ कठोर शर्तें हैं।

नियमों का कड़ा पालन जरूरी

इस नए नियम के तहत, केवल उन्हीं विदेशी निवासियों को शराब मिल पाएगी, जिनकी मासिक आय 50,000 रियाल या लगभग 13,300 डॉलर से अधिक होगी। इसके अलावा, ग्राहकों को शराब खरीदने के लिए अपनी सैलरी स्लिप या इनकम सर्टिफिकेट दिखाना होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे इस खास स्थिति के पात्र हैं।

प्रीमियम रेजीडेंसी का महत्व

सऊदी अरब का प्रीमियम रेजीडेंसी कार्यक्रम, जिसे सऊदी ग्रीन कार्ड भी कहा जाता है, अब शराब की बिक्री में शामिल हो गया है। इस कार्यक्रम के तहत सऊदी अरब में रहने वाले विदेशी नागरिक, जो पांच वर्षों में कम से कम 30 महीने यहां रह चुके हैं, इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं।

क्या इस कदम का असर होगा?

सऊदी अरब ने हाल के वर्षों में अपने कठोर इस्लामिक नियमों में कुछ ढील दी है। महिलाएं अब ड्राइविंग कर सकती हैं और अब शराब की बिक्री को लेकर भी कुछ बदलाव किए गए हैं। हालांकि, इस बदलाव से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित नहीं होंगे क्योंकि इसमें शामिल होने के लिए काफी कड़ी शर्तें हैं। लेकिन यह कदम इस बात का संकेत है कि सऊदी अरब में धीरे-धीरे सामाजिक और आर्थिक बदलाव हो रहे हैं।

नए नियमों के बाद की स्थिति

सऊदी अरब में शराब की दुकान से शराब खरीदने के लिए पहले ग्राहकों को एक ऐप के माध्यम से पंजीकरण करना पड़ता था, जिससे उन्हें एक क्लीयरेंस कोड मिलता था। इसके बाद वे अपनी मासिक कोटा के अनुसार शराब खरीद सकते थे। अब, यह व्यवस्था थोड़ी सरल हुई है, लेकिन फिर भी केवल वही लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं, जो उच्च आय वर्ग में आते हैं।