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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय खनन दिग्गज वेदांता लिमिटेड के शेयरों में आज भारी गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट तब आई जब अमेरिका स्थित एक प्रमुख शॉर्ट-सेलर ने कंपनी पर वित्तीय अनियमितताओं और कॉर्पोरेट गवर्नेंस में कमी का आरोप लगाते हुए एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की। हालांकि, वेदांता ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें 'निराधार और दुर्भावनापूर्ण' बताया है।

क्या हैं शॉर्ट-सेलर के आरोप? अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर (जिसका नाम रिपोर्ट में नहीं बताया गया है, लेकिन ऐसे संस्थान अक्सर कंपनी के शेयर गिरने पर दांव लगाकर मुनाफा कमाते हैं) ने अपनी रिपोर्ट में वेदांता पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इनमें कथित तौर पर धन के कुप्रबंधन, वित्तीय विवरणों में हेरफेर और अघोषित लेनदेन जैसे मुद्दे शामिल हैं। शॉर्ट-सेलर ने दावा किया है कि कंपनी के भीतर कुछ ऐसी प्रथाएं चल रही हैं जो शेयरधारकों के हितों के खिलाफ हैं और नियामक मानकों का उल्लंघन करती हैं।

वेदांता का पुरजोर खंडन इन आरोपों के सामने आते ही वेदांता ने तुरंत अपनी प्रतिक्रिया दी और एक आधिकारिक बयान जारी किया। कंपनी ने कहा कि वह इन आरोपों का 'पुरजोर खंडन' करती है और इन्हें 'निराधार, भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण' बताती है। वेदांता ने अपने बयान में जोर देकर कहा कि उसके सभी वित्तीय संचालन पूरी तरह से पारदर्शी हैं और वे सभी प्रासंगिक नियामक मानकों और कॉर्पोरेट गवर्नेंस के उच्चतम सिद्धांतों का पालन करते हैं। कंपनी ने अपने निवेशकों को आश्वस्त किया कि वे पूरी ईमानदारी और नैतिक मूल्यों के साथ काम करते हैं।

शेयर बाजार पर असर-शॉर्ट-सेलर की रिपोर्ट जारी होने के तुरंत बाद, वेदांता के शेयरों में निवेशकों की बिकवाली तेज हो गई, जिससे शेयर की कीमत में महत्वपूर्ण गिरावट आई। इस घटना ने बाजार में एक बार फिर से उन आशंकाओं को जन्म दिया है, जो पिछले कुछ समय से भारतीय कंपनियों को निशाना बना रही शॉर्ट-सेलर रिपोर्टों के कारण बनी हुई हैं। हालांकि कंपनी ने आरोपों का खंडन किया है, लेकिन बाजार की धारणा पर इसका तत्काल नकारात्मक असर पड़ा है। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि वेदांता इन आरोपों से कैसे निपटती है और क्या इससे कंपनी की साख पर कोई दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है।

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