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Up Kiran, Digital Desk: बिहार के नवादा जिले के रूपौ थाना अंतर्गत पाण्डेयगंगौट गांव में एक दुखद घटना ने समूचे गांव और प्रखंड को गहरे शोक में डुबो दिया। भारतीय सेना के जवान मनीष कुमार जो मात्र 22 वर्ष के थे बुधवार को ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। मनीष कुमार की शहादत की खबर जैसे ही उनके गांव और इलाके में पहुंची वहां सन्नाटा पसर गया और हर कोई गहरे शोक में डूब गया।

मनीष कुमार का संघर्ष और समर्पण

मनीष कुमार जम्मू-कश्मीर के कारगिल में तैनात थे जहां वे अपने देश की सेवा में लगे हुए थे। उनके निधन की खबर ड्यूटी स्थल से फोन के माध्यम से उनके परिवार को मिली। खबर के बाद उनके परिवार में मातम का माहौल था लेकिन उनके परिजनों की आँखों में एक गर्व भी था। उनके पिता अशोक राम माता सुशीला देवी और पत्नी का दिल तो टूटा लेकिन वे अपने बेटे की शहादत पर गर्व महसूस कर रहे थे।

मनीष कुमार के परिवार के लिए यह दुख दोगुना था क्योंकि वे अब तक अपने बेटे के भविष्य को लेकर बड़े सपने देख रहे थे। उनकी शादी हाल ही में 6 मार्च को नवादा के धुर्रहार सिसवां में हुई थी। यह खबर उनके परिवार के लिए एक गहरा झटका थी लेकिन उन्होंने अपने बेटे की देश के प्रति निष्ठा और बलिदान को नमन किया।

देश की सेवा में मनीष कुमार का परिवार

मनीष कुमार अकेले नहीं थे जिन्होंने देश की सेवा की। उनके दो बड़े भाई भी सेना में तैनात हैं। पिंटू कुमार जो गया में तैनात हैं और राजीव कुमार जो उत्तराखंड में सेना में काम कर रहे हैं अपने छोटे भाई मनीष की शहादत पर शोक में हैं। उनके परिवार में एक मजबूत सैन्य परंपरा रही है और मनीष की शहादत ने इसे और भी गौरवान्वित किया।

गांव और समाज की प्रतिक्रियाएँ

शहीद मनीष कुमार को उनके गांव के लोग एक मिलनसार और हंसमुख व्यक्ति के रूप में याद करते हैं। गांव के मुखिया दीपक कुमार ने कहा "मनीष कुमार एक बहुत अच्छे इंसान थे। उनकी शहादत पर हम सभी को गर्व है और उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।"

 

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