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Up Kiran, Digital Desk: शिक्षक दिवस पर अब तक हम सिर्फ स्कूल के शिक्षकों को सम्मानित होते देखते आए हैं, लेकिन अब समय बदल गया है। शिक्षा मंत्रालय ने एक शानदार पहल करते हुए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रहे गुरुओं को भी सम्मानित करने का फैसला किया है। इसी कड़ी में, इस साल देश के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे IIT, IIM, केंद्रीय विश्वविद्यालयों और पॉलिटेक्निक के 21 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 के लिए चुना गया है।

यह सम्मान उन शिक्षकों के लिए है जो सिर्फ क्लासरूम में पढ़ाते नहीं, बल्कि अपने छात्रों को नई खोजों, इनोवेशन और बेहतर भविष्य के लिए प्रेरित करते हैं।

कौन हैं ये शिक्षक और क्यों हैं खास?

इस साल चुने गए 21 शिक्षकों में देश के कोने-कोने से गुरु शामिल हैं। इनमें कर्नाटक, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के शिक्षक शामिल हैं। यह पुरस्कार पाने वालों में पॉलिटेक्निक, राज्य विश्वविद्यालय और केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों के शिक्षक हैं।

यह पहली बार नहीं है जब उच्च शिक्षा के शिक्षकों को यह सम्मान दिया जा रहा है। इसकी शुरुआत कुछ साल पहले ही की गई थी, ताकि कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर बेहतरीन काम कर रहे शिक्षकों के योगदान को भी पहचान मिल सके।

कैसे होता है इन શ્રેષ્ઠ शिक्षकों का चुनाव?

इन शिक्षकों का चुनाव एक बहुत ही पारदर्शी और कठिन प्रक्रिया के जरिए होता है। इसके लिए शिक्षक खुद या उनके संस्थान उनका नाम आगे बढ़ाते हैं। इसके बाद एक कमेटी उनके काम का मूल्यांकन कई पैमानों पर करती है, जैसे:

पढ़ाने का तरीका कितना असरदार है।

उन्होंने रिसर्च और इनोवेशन में क्या नया काम किया है।

समाज के लिए उन्होंने क्या योगदान दिया है।

इन सभी पड़ावों को पार करने के बाद ही देश के सबसे बेहतरीन शिक्षकों का चुनाव किया जाता है।

क्यों महत्वपूर्ण है यह पुरस्कार?

यह पुरस्कार सिर्फ एक सम्मान नहीं है, बल्कि देश के उन लाखों शिक्षकों के लिए एक प्रेरणा है जो चुपचाप भारत का भविष्य गढ़ने में लगे हुए हैं। जब IIT, IIM और बड़ी यूनिवर्सिटियों के प्रोफेसरों को सम्मानित किया जाता है, तो इससे यह संदेश जाता है कि सरकार उच्च शिक्षा और रिसर्च को कितना महत्व दे रही है।

इन शिक्षकों को 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाएगा। यह दिन इन गुरुओं के अथक प्रयासों और शिक्षा के प्रति उनके जुनून को सलाम करने का दिन होगा।

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