img

फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी मेटा को अपने दो प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम बेचने पड़ सकते हैं। इसका कारण अमेरिका के वाशिंगटन में कंपनी के विरुद्ध एक अविश्वास मामले की सुनवाई है।

अमेरिकी प्रतिस्पर्धा एवं उपभोक्ता निगरानी संस्था ने कंपनी पर बाजार में प्रतिस्पर्धा को खत्म करने और अपना एकाधिकार बनाने के लिए 2012 में इंस्टाग्राम (1 बिलियन डॉलर) और 2014 में व्हाट्सएप (22 बिलियन डॉलर) खरीदने का आरोप लगाया है।

...तो शायद प्लेटफॉर्म को बेचना पड़ेगा

संघीय व्यापार आयोग (FTC) ने व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम की खरीद को मंजूरी दे दी है। मगर नियमों के अनुसार, एफटीसी को समझौते के प्रभावों की निगरानी भी करनी होगी। इसलिए उन्हें मेटा के विरुद्ध मामला दर्ज करना पड़ा। यदि एफटीसी यह केस जीत जाता है, तो मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप दोनों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।

ज़करबर्ग को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है

इस मामले की सुनवाई के दौरान ज़करबर्ग और कंपनी की पूर्व मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) शेरिल सैंडबर्ग दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। इस एंटी-ट्रस्ट मामले की सुनवाई 6 सप्ताह से अधिक समय तक चलेगी।

वेंडरबिल्ट लॉ स्कूल में एंटीट्रस्ट की प्रोफेसर रेबेका होवे एलेन्सवर्थ ने कहा कि जुकरबर्ग ने इंस्टाग्राम से प्रतिस्पर्धा कम करने के लिए फेसबुक को खरीदा।
इस मामले में जुकरबर्ग की बातचीत और ईमेल सबसे अधिक ठोस सबूत हो सकते हैं। जुकरबर्ग ने कहा था कि बाजार में प्रतिस्पर्धा करने की बजाय कंपनी को खरीदना बेहतर होगा।

मार्क जुकरबर्ग का तर्क

मेटा ने तर्क दिया कि वह यह केस जीतेंगे क्योंकि इंस्टाग्राम खरीदने के बाद उनके उपयोगकर्ताओं का अनुभव बेहतर हो गया। रिपोर्ट के अनुसार, मेटा यह तर्क दे सकता है कि अविश्वास मामले में इरादा बहुत प्रासंगिक नहीं है।