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Up Kiran, Digital Desk: कभी-कभी जिंदगी ऐसे मोड़ पर ले आती है जहां वक्त और हालात एक इम्तिहान बन जाते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ आज सुबह जब श्रीनगर-कर्णप्रयाग बस अड्डे के शौचालय से अचानक चीख-पुकार की आवाजें गूंजने लगीं। पहले तो किसी को समझ नहीं आया कि मामला क्या है, लेकिन जब एक महिला की दर्दभरी आवाजें लगातार सुनाई दीं, तो आस-पास के लोग और स्वास्थ्य कर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे।
ये कोई सामान्य स्थिति नहीं थी एक 21 वर्षीय महिला ने उसी शौचालय में एक नवजात को जन्म दे दिया।
बस अड्डे पर ज़िंदगी ने लिया नया मोड़
महिला की पहचान ज्योति थापा, पत्नी मनीष थापा के रूप में हुई है, जो नेपाली मूल के एक मजदूर परिवार से हैं। यह परिवार कर्णप्रयाग के ब्राडी सेन क्षेत्र में दिहाड़ी मजदूरी करता है और आज ही अपने पूरे परिवार के साथ हिमाचल की ओर रोजगार की तलाश में निकला था।
रास्ते में बस जब कुछ देर के लिए श्रीनगर-कर्णप्रयाग बस अड्डे पर रुकी, तब ज्योति शौचालय गईं। किसी को यह अंदेशा नहीं था कि वो वहां ज़िंदगी को जन्म देने वाली हैं। चंद मिनटों में शौचालय से दर्द में डूबी आवाजें आने लगीं, जिससे हड़कंप मच गया।
स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता बनी जिंदगी की ढाल
आईएसबीटी परिसर में पहले से तैनात स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जैसे ही शोर सुना, बिना देरी किए वहां पहुंचकर स्थिति को संभाला। डॉक्टर, फार्मासिस्ट और स्वास्थ्य कर्मियों की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से नवजात और मां — दोनों की जान बचाई जा सकी।
महिला को 108 एंबुलेंस सेवा के माध्यम से तत्काल राजकीय जिला चिकित्सालय श्रीनगर भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों की स्थिति को स्थिर और सुरक्षित बताया है।
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