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एनआईए की चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने की योजना बनाई थी। इसके लिए उन्होंने अपनी “Mission Islam 2047” रणनीति तैयार की थी। इनमें "India Vision 2047" नामक इंटरनल दस्तावेज भी शामिल था, जो 8‑9 पन्नों का था और बिहार पुलिस ने उसे बरामद किया था  ।

इस दस्तावेज़ के अनुसार, PFI का मानना था कि अगर करीब 10% मुसलमान उनके साथ आ जाएँ तो बहुसंख्यक हिंदू “घुटनों पर आ जाएंगे” और इस्लामिक शासन की राह आसान होगी  । योजना को चार चरणों में बांटा गया था:

1. भर्ती और विचार प्रचार: गरीब मुसलमानों को PFI से जोड़कर समुदाय में विभाजन पैदा करना।


2. सशस्त्र प्रशिक्षण: विशेष दलों को चाकू‑पिस्तौल, तलवार‑लाठी जैसे हथियारों से लैस करके हिंसात्मक गतिविधि की योजना बनाना  । 3. शहरी और ग्रामीण हत्याकांड: नेताओं और सक्रिय नागरिकों को टारगेट करना। उदाहरणस्वरूप प्रवीण नेतरू की हत्या का भी आरोप PFI पर है  । 4. राजनीतिक कब्जा: जब हथियारबंद ताकत प्रबल हो जाएगी, तो खुले राजनीतिक सत्ता की ओर कदम बढ़ाना।

 

पीएफआई ने ‘Mission Islam 2047’ के अंतर्गत राज्यों जैसे बिहार, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, झारखंड में मार्शल‑आर्ट व हथियार प्रशिक्षण शिविर भी चलाए  । दुर्भाग्यवश, महाराष्ट्र ATS और बिहार पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में ये योजनाएं पानी में गिर गईं—लिहाजा PFI पर प्रतिबंध लगाया गया  ।

बॉम्बे हाई‑कोर्ट ने भी इस मामले को गंभीर मानते हुए कहा कि PFI के तीन प्रमुख सदस्य, जिन पर 2047 तक इस्लामिक देश बनाने की साजिश का आरोप है, उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती क्योंकि आरोपों के सबूत “प्रथम दृष्टया स्पष्ट” थे  ।

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