
गुजरात के वडोदरा जनपद में एक निजी विश्वविद्यालय के चार अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर कथित तौर पर भीड़ ने हमला किया क्योंकि वे जूते पहनकर दरगाह में घुसे थे। पुलिस ने बताया कि ये घटना कथित तौर पर गलतफहमी के चलते हुई क्योंकि छात्र गुजराती नहीं समझते थे और स्थानीय रीति-रिवाजों से अनभिज्ञ थे।
एक अफसर ने बताया कि हमले के दौरान एक छात्र के सिर में गंभीर चोटें आईं और हाथ-पैर में भी जख्म हो गए। घटना के सिलसिले में अब तक पांच लोगों को अरेस्ट किया गया है और दो नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है।
गुजराती भाषा न समझ पाने पर छात्रों पर हमला
रविवार रात्रि वाघोडिया पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, पारुल विश्वविद्यालय के चार अंतर्राष्ट्रीय छात्रों - जो थाईलैंड, सूडान, मोजाम्बिक और यूनाइटेड किंगडम के हैं - उनका 14 मार्च की शाम को उनके छात्रावास के पास लिमडा गांव में लगभग दस लोगों के एक समूह ने पीछा किया और उन पर हमला किया।
बताया जाता है कि ये हमला तब हुआ जब छात्र गुजराती में दिए गए निर्देशों को समझने में नाकाम रहे, जिसमें एक स्थानीय व्यक्ति ने उनसे कब्र के पास जूते पहनकर न चलने को कहा था।
एफआईआर में कहा गया है कि तीन छात्र भागने में सफल रहे, जबकि थाईलैंड के दूसरे वर्ष के बीसीए छात्र सुपच कंगवनरत्ना (20) को लकड़ी के डंडों, क्रिकेट बैट और पत्थरों से पीटने के बाद सिर में गंभीर चोटें आईं। एक अफसर ने पुष्टि की कि वह वर्तमान में पारुल सेवाश्रम अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में उपचार करा रहा है।
वाघोडिया पुलिस थाने के अफसर ने बताया कि हमले के सिलसिले में मुख्तियार शेख, राजेश वसावा, रवि वसावा, स्वराज वसावा और प्रवीण वसावा नामक पांच लोगों को अरेस्ट किया गया है और दो नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है।