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Up Kiran , Digital Desk:पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और सीमा पर गरमागरम माहौल को देखते हुए भारत सरकार ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को पुख्ता करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में, देश के विभिन्न शहरों में आम नागरिकों को संभावित हमलों से बचने और आपातकालीन परिस्थितियों में अपनी व दूसरों की जान बचाने के लिए मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट का आयोजन किया गया। इस व्यापक अभ्यास का उद्देश्य नागरिकों को आत्मनिर्भर बनाना और किसी भी संकट की घड़ी में उनकी प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाना था।

शहरों में गूंजे धमाके, नागरिकों ने सीखी जान बचाने की कला

इस राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल के लिए हर शहर में अलग-अलग समय निर्धारित किया गया था। उदाहरण के तौर पर, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, बरेली और आगरा जैसे शहरों में रात आठ बजे मॉक ड्रिल का समय तय किया गया था। इस दौरान, इन शहरों के नागरिकों ने अंधेरे में हमलों से बचने का गहन अभ्यास किया।

नकली धमाके और बचाव: अभ्यास को वास्तविक रूप देने के लिए निर्धारित जगहों पर नकली धमाके भी किए गए। इसके तुरंत बाद, आम लोगों को सिखाया गया कि ऐसी स्थिति में खुद को कैसे सुरक्षित रखा जाए और घायलों व जरूरतमंदों की मदद कैसे की जाए।

आत्मनिर्भरता का पाठ: इस पूरी कवायद का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना था कि यदि भविष्य में ऐसी कोई दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति उत्पन्न होती है, तो आम नागरिक घबराएं नहीं, बल्कि सूझबूझ से काम लेते हुए खुद को बचाने और अपने आस-पास मौजूद लोगों की मदद करने में सक्षम हों।

लखनऊ में सीएम योगी भी हुए मॉक ड्रिल में शामिल

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी मंगलवार को एक व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था, जिसमें आम नागरिकों के साथ-साथ बच्चों को भी हमले के समय खुद को बचाने के गुर सिखाए गए। इसके बाद बुधवार शाम सात बजे लखनऊ में एक और मॉक ड्रिल हुई, जिसमें स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। इस अभ्यास के दौरान:

सुरक्षित स्थानों की पहचान: लोगों को बताया गया कि यदि कोई हमला होता है, तो कौन सी जगहें छिपने के लिए सबसे सुरक्षित होंगी। आग बुझाने का प्रशिक्षण: उन्हें यह भी सिखाया गया कि हमले के दौरान यदि आग लग जाती है, तो उसे कैसे बुझाना है।

घायलों की मदद: हमले में घायल होने वाले लोगों को प्राथमिक उपचार कैसे देना है और उनकी मदद कैसे करनी है, इस पर भी विस्तृत जानकारी दी गई।

देश के 244 जिलों में व्यापक तैयारी

यह मॉक ड्रिल किसी एक या दो शहर तक सीमित नहीं थी, बल्कि देश के कुल 244 जिलों में इसे कराने का फैसला किया गया था। इन शहरों को उनकी संवेदनशीलता और रणनीतिक महत्व के आधार पर तीन श्रेणियों में बांटा गया था:

श्रेणी 1 (अति संवेदनशील): इसमें देश की राजधानी दिल्ली और प्रमुख परमाणु केंद्रों सहित 13 शहरों या जिलों को शामिल किया गया था।

श्रेणी 2 (संवेदनशील): इस श्रेणी में राज्यों की राजधानियों, महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों, एयरबेस और सैन्य छावनियों वाले शहरों को रखा गया था।

श्रेणी 3 (कम संवेदनशील): इसमें 45 ऐसे शहर शामिल थे, जो न तो राज्यों की राजधानियां हैं और न ही उनका रणनीतिक महत्व बहुत अधिक है।

यह राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल भारत सरकार की अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति गंभीरता और किसी भी चुनौती से निपटने की उसकी दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाती है। उम्मीद है कि इस तरह के अभ्यासों से न केवल नागरिकों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि वे किसी भी आपात स्थिति का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार भी हो सकेंगे।

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