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Up Kiran, Digital Desk: मोदी सरकार ने पीएम ग्राम सड़क योजना-III के अंर्तगत पंजाब में स्वीकृत कई सड़क और पुल परियोजनाओं को कैंसिल कर दिया है, जिसकी कुल लागत 800 करोड़ रुपये से अधिक है। ये कदम पंजाब की आर्थिक समस्याओं को और गहरा कर सकता है, क्योंकि इससे पहले ही राज्य का ग्रामीण विकास फंड 7,000 करोड़ रुपये से ज्यादा रुका हुआ है। इन फंडों की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा सुधरना पहले से ही मुश्किल हो चुका है, और अब इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के ठप होने से स्थानीय लोगों की समस्याएं बढ़ने वाली हैं।
इन परियोजनाओं में कुल 64 सड़कों की लंबाई करीब 628 किलोमीटर है, जिनका अपग्रेडेशन रुका हुआ है। इसके अलावा, 38 बड़े पुल जो 15 मीटर से अधिक लम्बे हैं, उनका निर्माण भी अधर में है। इन परियोजनाओं को मार्च 31, 2025 तक शुरू करने की शर्त थी, लेकिन राज्य सरकार द्वारा टेंडर प्रक्रिया में देरी के कारण केंद्र ने यह कड़ा कदम उठाया है।
पंजाब लोक निर्माण विभाग के सूत्र बताते हैं कि इनमें से 59 प्रोजेक्ट ऐसे थे जिनमें फुल डेप्थ रिक्लेमेशन तकनीक का उपयोग होना था, जो विशेषज्ञता मांगती है और इस तकनीक से जुड़ी कंसल्टेंसी फर्म्स की कमी भी एक बड़ी बाधा बनी। टेंडर प्रक्रिया चार बार फेल रहने के बाद केवल मई के अंत में सही फर्म चुनी जा सकी। साथ ही, मार्च 2025 में स्वीकृत कुछ अन्य प्रोजेक्ट अभी टेंडरिंग की प्रक्रिया में हैं, जिनका निर्माण इसी महीने शुरू होना था।
राज्य सरकार ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को एक पत्र भेजकर कहा है कि इतने बड़े पैमाने पर काम रोकने से जनता में भारी असंतोष होगा, खासकर उन इलाकों में जहां सड़क और पुल विकास की बेहद जरूरत है। ये परियोजनाएं अमृतसर, गुरदासपुर, पठानकोट और तरनतारन के सीमावर्ती क्षेत्रों में हैं, जहां सांसदों ने भी सुधार के लिए तुरंत कार्रवाई की मांग की थी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी केंद्र को लिखे पत्र में इन सड़कों और पुलों के महत्व को रेखांकित किया है। उन्होंने बताया कि ये पुल उन सड़कों को जोड़ेंगे जो पहले PMGSY-III के तहत बन चुकी हैं, और इनके बिना इन सड़कों का उपयोग सीमित रह जाएगा।
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