
हिमाचल प्रदेश में मॉनसून उत्पात मचा रहा है। हाल के 13 दिनों में भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं के चलते अब तक 63 लोगों की जान चली गई है, साथ ही लगभग 40 लोग लापता हैं । घायल हुए लोगों की संख्या 109 बताई जा रही है। राज्य में भारी तबाही हुई है और अनुमानित आर्थिक नुकसान अब तक लगभग ₹407 करोड़ पहुँच चुका है ।
बारिश और भूस्खलन से हिमाचल प्रदेश की बुनियादी संरचनाएं बुरी तरह प्रभावित हैं:
261 से अधिक सड़कें बंद हुईं, जिससे यातायात ठप हो गया ।
599 बिजली ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित रही ।
794 पेयजल योजनाएं प्रभावित, जिससे कई इलाकों में पानी की समस्या उत्पन्न हुई ।
इसके अतिरिक्त 247 पशु-पक्षी की मौत हुई है, 14 घर तो पूरी तरह उजड़ गए जबकि 57 घरों को جزوی नुकसान हुआ है ।
राज्य सरकार और राहत-रोध टीमों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया है। SDRF, NDRF, पुलिस और स्थानीय प्रशासन प्रभावित इलाकों में लगे हुए हैं। प्रभावित परिवारों की मदद और बदहाल बुनियादी सुविधाओं को बहाल करने का काम जारी है।
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए ‘ओरेंज’ और ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है। ऐसे में लोगों से अपील है कि वे गैरज़रूरी बाहर न निकलें, नदी-नालों से दूर रहें और अधिकारियों की सलाह का पालन करें।
सरकार ने प्रभावित इलाकों में सड़क, बिजली और जल आपूर्ति को जल्द बहाल करने के लिए विशेष वित्तीय पैकेज का ऐलान किया है। साथ ही, दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों के परिवारों को मुआवज़ा देने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
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