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Up Kiran, Digital Desk: आने वाले मानसून के मौसम को देखते हुए, ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) ने शहर भर में एक बड़ा स्वच्छता अभियान शुरू किया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जलजमाव को रोकना और डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी वेक्टर-जनित (मच्छरों से होने वाली) बीमारियों के प्रसार पर अंकुश लगाना है।

जीएचएमसी आयुक्त रोनाल्ड रोज़ के निर्देशों के बाद, निगम के एंटोमोलॉजी (कीट विज्ञान) विंग ने इस अभियान को तेज कर दिया है। अभियान के तहत, उन सभी जगहों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जहाँ पानी जमा होने की संभावना है, क्योंकि ये स्थान मच्छरों के प्रजनन के लिए सबसे अनुकूल होते हैं।

निगम ने शहर में 10,631 ऐसे खाली प्लॉट्स की पहचान की है, जहाँ अक्सर बारिश का पानी जमा हो जाता है और गंदगी रहती है। इन प्लॉट्स से निर्माण और विध्वंस (C&D) का मलबा हटाने का काम भी तेजी से चल रहा है। इन प्लॉट मालिकों को नोटिस जारी कर उन्हें तुरंत सफाई करने का निर्देश दिया गया है। जो लोग निर्देशों का पालन नहीं करेंगे, उन पर जुर्माना लगाया जाएगा।

मच्छरों के लार्वा को खत्म करने के लिए जीएचएमसी ने पूरे शहर में 642 टीमें तैनात की हैं। ये टीमें संवेदनशील इलाकों में एंटी-लार्वल दवा का छिड़काव कर रही हैं। इसके अलावा, झीलों, तालाबों और अन्य दुर्गम स्थानों पर लार्वा को नष्ट करने के लिए पहली बार ड्रोन तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। नियमित फॉगिंग गतिविधियों के साथ-साथ, लोगों को जागरूक करने के लिए पोस्टर और पैम्फलेट भी बांटे जा रहे हैं।

अधिकारियों का कहना है कि "रोकथाम इलाज से बेहतर है" के सिद्धांत पर काम करते हुए, जीएचएमसी यह सुनिश्चित करना चाहता है कि मानसून के दौरान शहर के नागरिक स्वस्थ और सुरक्षित रहें।

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