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Up Kiran, Digital Desk: असम में भारी बारिश और लगातार बढ़ती नदियों के जलस्तर ने एक बार फिर जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य के 10 जिलों के 100 से अधिक गाँव इस प्राकृतिक आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इस भीषण बाढ़ से 1.7 लाख से अधिक लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं, जिससे राज्य में एक गंभीर मानवीय संकट उत्पन्न हो गया है।

आंकड़ों के अनुसार, 1,70,808 लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं, जिनमें सबसे ज़्यादा असर कछार ज़िले में देखने को मिला है। कछार में 1,05,736 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जबकि अन्य प्रभावित जिलों में विश्वनाथ, दरांग, धेमाजी, गोलपारा, गोलाघाट, होजाई, लखीमपुर, नौगांव, नलबाड़ी, तामुलपुर और उदलगुरी शामिल हैं।

बाढ़ के कारण बड़े पैमाने पर कृषि भूमि भी जलमग्न हो गई है। लगभग 1046.06 हेक्टेयर कृषि भूमि पानी में डूब गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। कई सड़कें और बुनियादी ढाँचा भी क्षतिग्रस्त हुआ है, जिससे आवागमन में बाधा आ रही है।

बाढ़ प्रभावितों को आश्रय और सहायता प्रदान करने के लिए प्रशासन ने व्यापक राहत अभियान शुरू किया है। कछार में 12 और हैलाकांडी में 4 सहित कुल 16 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। इन शिविरों में विस्थापित लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। इसके साथ ही, प्रभावित परिवारों को चावल, दाल, नमक, सरसों का तेल और पीने का पानी जैसी आवश्यक राहत सामग्री वितरित की जा रही है।

कछार ज़िला प्रशासन, सर्कल अधिकारियों के माध्यम से, प्रभावित लोगों तक पहुंचने और उनकी मदद करने के लिए लगातार काम कर रहा है। विशेष रूप से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए उनकी ज़रूरतों का ध्यान रखा जा रहा है। असम में यह बाढ़ एक गंभीर चुनौती पेश कर रही है, लेकिन प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर इस आपदा का सामना कर रहे हैं।

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