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Up Kiran, Digital Desk: नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लाखों ऑटो रिक्शा यात्रियों के लिए एक बेहद ज़रूरी खबर है। अगर आप रोज़ाना ऑटो रिक्शा से सफ़र करते हैं तो ज़रा ध्यान दें – जिस ऑटो में आप बैठ रहे हैं कहीं वह आपकी सुरक्षा के लिए खतरा तो नहीं बन रहा है।
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक नोएडा और ग्रेटर नोएडा में इस वक्त 856 ऐसे ऑटो रिक्शा सड़कों पर दौड़ रहे हैं जिनकी फिटनेस जांच एक्सपायर हो चुकी है! सीधे शब्दों में कहें तो ये ऑटो सड़क पर चलने के लिए अब पूरी तरह से असुरक्षित हैं।
नोटिस पर नोटिस मगर कोई जवाब नहीं
परिवहन विभाग ने इन ऑटो रिक्शा मालिकों को बार-बार नोटिस भेजे हैं मगर उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया और न ही उन्होंने अपने वाहनों की फिटनेस जांच करवाई है। नोएडा परिवहन विभाग अब यात्रियों की सुरक्षा को लेकर काफी सख्त हो गया है। अधिकारियों का स्पष्ट कहना है कि जिन ऑटो मालिकों ने अपने वाहनों की फिटनेस जांच नहीं करवाई है उनके वाहन सड़क पर चलने योग्य नहीं हैं। विभाग यात्रियों की जान से किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेगा। पकड़े जाने पर ऐसे ऑटो मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आंकड़े चौंकाने वाले: 'एक्सपायर्ड' ऑटो की भरमार
एआरटीओ प्रवर्तन डॉ. उदित नारायण पाण्डेय ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि वर्तमान में नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कुल 24112 ऑटो रिक्शा पंजीकृत हैं। इनमें पेट्रोल और सीएनजी से चलने वाले ऑटो की संख्या 17009 है जबकि इलेक्ट्रिक ऑटो की संख्या 7103 है।
इनमें से चिंताजनक बात ये है कि 856 ऑटो रिक्शा की फिटनेस खत्म हो चुकी है और ये किसी मौत के दूत से कम नहीं हैं। ये सभी यात्री ऑटो हैं यानी इनमें रोज़ाना हज़ारों लोग सफ़र करते हैं। डॉ. पाण्डेय ने बताया कि ऑटो मालिकों को फिटनेस जांच कराने के लिए कई बार नोटिस भेजे गए मगर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
उन्होंने साफ़ किया कि सड़क पर बिना फिटनेस के वाहनों का संचालन पूरी तरह से अवैध है और इन्हें चलाना प्रतिबंधित है। अगर ऐसे वाहन संचालित पाए जाते हैं तो नियमानुसार चालान के साथ ऑटो सीज करने (बंद करने) की कार्रवाई भी की जाती है। अप्रैल 2025 से अब तक विभाग ने 549 ऑटो का चालान किया है और 279 ऑटो को बंद करने की कार्रवाई की जा चुकी है।
आपकी सुरक्षा, आपकी ज़िम्मेदारी
एआरटीओ प्रवर्तन ने लोगों को चेतावनी दी है कि बिना फिटनेस जांच किए ऑटो में सफ़र करना बेहद नुकसानदेह साबित हो सकता है। यह न सिर्फ यात्री के लिए बल्कि चालक की सुरक्षा के लिए भी खतरनाक है। सबसे बड़ी बात अगर किसी वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं है और कोई दुर्घटना होती है तो बीमा कंपनी आपका दावा भी खारिज कर सकती है! यह एक बड़ा आर्थिक नुकसान भी हो सकता है।
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