
Up Kiran, Digital Desk: पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर में भारी मानसूनी बारिश के बाद डेंगू बुखार के मामलों में चिंताजनक वृद्धि दर्ज की गई है। यह स्थिति सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है, क्योंकि मच्छर जनित बीमारियों के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बन गई हैं।
रावलपिंडी में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई इलाकों में पानी जमा हो गया है। रुका हुआ पानी एडीस मच्छरों (Aedes mosquitoes) के पनपने के लिए एक आदर्श प्रजनन स्थल बन जाता है, जो डेंगू वायरस के मुख्य वाहक होते हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया है कि अस्पतालों में डेंगू के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, और कई नए मामले सामने आ रहे हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता और उपाय:
स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है और नागरिकों से अतिरिक्त सावधानी बरतने का आग्रह किया है।
जन जागरूकता अभियान: लोगों को डेंगू के लक्षणों (जैसे तेज बुखार, शरीर में दर्द, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द और त्वचा पर चकत्ते) के बारे में जागरूक किया जा रहा है और समय पर चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी जा रही है।
प्रजनन स्थलों का सफाया: मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। इसमें घरों और आसपास के इलाकों में जमा पानी को निकालना, कूलरों और गमलों के पानी को नियमित रूप से बदलना, और पानी की टंकियों को ढक कर रखना शामिल है।
फॉगिंग अभियान: जिन इलाकों में डेंगू के मामले ज्यादा हैं, वहाँ मच्छरों को खत्म करने के लिए फॉगिंग की जा रही है।
मच्छरदानी और रिपेलेंट का उपयोग: लोगों को रात में मच्छरदानी का उपयोग करने और मच्छर भगाने वाली क्रीम या लोशन लगाने की सलाह दी जा रही है।
चिकित्सा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया गया और प्रभावी उपाय नहीं किए गए, तो डेंगू के मामले और भी तेजी से बढ़ सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य प्रणाली पर भारी दबाव पड़ सकता है। पाकिस्तान में हर साल मानसून के मौसम में डेंगू का प्रकोप देखने को मिलता है, लेकिन इस बार की भारी बारिश ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर इस चुनौती का सामना करना होगा ताकि इस जानलेवा बीमारी को फैलने से रोका जा
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