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तेलंगाना के सूर्यपेट में एक स्थानीय अदालत ने 32 वर्षीय गृहिणी बी. भारती उर्फ लासया को 2021 में अपनी सात महीने की बेटी की हत्या के लिए मृत्युदंड की सजा सुनाई। भारती ने कथित तौर पर काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए अपनी बेटी की बलि दी थी। इस ज्योतिषीय दोष को जीवन में समस्याओं का कारण माना जाता है। यूट्यूब वीडियो और एक तांत्रिक की सलाह के आधार पर उसने ये भयावह कदम उठाया।

सूर्यपेट की अतिरिक्त जिला सत्र अदालत ने इस केस को अत्यंत गंभीर मानते हुए फांसी की सजा दी। भारती का आपराधिक इतिहास भी इस फैसले में महत्वपूर्ण रहा। 2023 में उसने अपने पति बी. कृष्णा पर पत्थर से हमला किया था, जिसके लिए उसे एक साल की सजा मिली थी। कोडड के डीएसपी श्रीधर रेड्डी ने बताया कि पुख्ता सबूतों के आधार पर यह सजा दी गई।

बलि से पहले की थी पूजा

15 अप्रैल 2021 को सूर्यपेट के मोथे मंडल में भारती ने अपने घर में विशेष पूजा की। उसने खुद और अपनी बेटी पर हल्दी-सिंदूर लगाया और घंटों पूजा की। इसके बाद उसने बेटी का गला काटकर हत्या कर दी और जीभ भी काट दी। कृष्णा ने पुलिस को बताया कि पूजा के दौरान यह वारदात हुई। वह इस मामले में शिकायतकर्ता और गवाह हैं।

खून से सना था बदन

कृष्णा ने बताया कि उस समय घर पर उनके बीमार पिता थे, जिन्होंने बेटी के रोने की आवाज सुनी। उन्होंने देखा कि भारती खून से सने कपड़ों में घर से बाहर निकल रही थी। उसने दावा किया कि उसने बेटी को देवताओं को बलिदान देकर सर्प दोष से छुटकारा पा लिया। पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने बच्ची को अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे मृत घोषित किया गया। मोथे पुलिस ने भारती को तुरंत हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान उसने सारी बात पुलिस को बताई।
 

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