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Up Kiran, Digital Desk: केदारनाथ धाम की ओर निकलने वाले श्रद्धालुओं के लिए आज की सुबह कुछ ऐसा ही समय रही, जब यात्रा स्थल के मुख्य मार्ग मुनकटिया में पहाड़ी से मलबा व बोल्डर गिरने से यात्रा चार घंटे तक रुक गई। प्रशासन ने तुरंत मुश्किल झेल रहे यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर स्थिति पर काबू पाया।
भारी बारिश और पहाड़ी मलबा
मौसम विभाग के अनुसार, पिछले कई घंटों से हो रही बारिश ने आस-पास की पहाड़ियों को असुरक्षित बना दिया। मुनकटिया नामक खतरनाक स्थान पर आज सुबह लगभग 6:30 बजे सोनप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर पहले मलबा गिरने से मार्ग अवरुद्ध हो गया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में रास्ते पर पड़े कई बोल्डर और पत्थर साफ देखे जा सकते हैं।
राहत कार्य में जुटी एनएचएआई टीम
घटना की जानकारी मिलते ही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने भारी मशीनरी लगाकर मलबा हटाने का कार्य शुरू किया। पहाड़ पर लगे पत्थरों और मलबे को हटाने के लिए श्रमिकों ने तेजी से चार घंटे तक काम किया। हालांकि, निकासी के कुछ समय बाद मुनकटिया की पहाड़ी से फिर से बोल्डर गिरने शुरू हो गए, जिससे यात्रा दुबारा रोकनी पड़ी।
यात्रा अस्थायी रूप से रुकी
चार घंटे की इस व्यवधान के दौरान हजारों श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग व आसपास के सुरक्षित क्षेत्र में जारी रुकना पड़ा। प्रशासन ने संभावित खतरे को देखते हुए दोबारा यात्रा शुरू करने में निश्चय किया, लेकिन मुनकटिया व काकड़ा गाड़ क्षेत्र में रुक-रुक कर मलबा गिरने का सिलसिला जारी रहा।
पहाड़ी इलाकों में खतरा बना हुआ
विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून के दौरान इस तरह के भूस्खलन आम हैं। मलबे या बोल्डर गिरने का खतरा तभी तक टला जा सकता है जब मौसम साफ हो जाए और स्थल पर स्थिरता आ जाए। प्रशासन की तरफ से ऐसा निर्देश जारी किया गया है कि तेज बारिश या तूफानी हवा के दौरान यात्री बिना अनुमति आगे न बढ़ें।
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