Up Kiran, Digital Desk: पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने आखिरकार वह कदम उठा लिया है जिसकी चर्चा लंबे समय से थी। शनिवार को संसद में 27वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया गया है। यह विधेयक देश की सैन्य संरचना और संवैधानिक फ्रेमवर्क में बड़े बदलाव लाने का प्रस्ताव करता है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसके तहत एक नया पद सृजित किया जा रहा है जिसकी जिम्मेदारी मौजूदा पाक सेना प्रमुख आसिम मुनीर को सौंपी जाएगी।
प्रस्तावित नए पद का नाम है रक्षा बलों के प्रमुख यानी चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस (CDF)।
इस संशोधन के पास होने के बाद, पाकिस्तान के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह पर आसिम मुनीर को इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त करेंगे। इतना ही नहीं, नए प्रावधानों के मुताबिक देश के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की राय लेकर ही सेना नौसेना और वायु सेना के प्रमुखों की नियुक्ति करेंगे। इसमें सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि सेना के मुखिया ही रक्षा बलों के प्रमुख के रूप में भी कार्य करेंगे।
फैसला क्यों लिया गया?
सरकार की तरफ से बताया गया कि यह फैसला सेना के तीनों अंगों थल सेना नौसेना और वायु सेना के बीच बेहतर तालमेल बिठाने और उन्हें एक सिंगल कमांड के तहत लाने के लिए लिया गया है।
लेकिन पाकिस्तान मीडिया में एक और वजह सामने आ रही है। खबरों की मानें तो भारत से ऑपरेशन सिंदूर में मिली करारी हार के बाद पाकिस्तान ने इससे सबक लेते हुए यह बड़ा बदलाव किया है। आपको याद होगा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देते हुए भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था। इसमें पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था।
पिछले महीने की ही बात है जब एयर मार्शल एपी सिंह ने खुलासा किया था कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान के एफ-16 फाइटर जेट्स समेत कई सैन्य लड़ाकू विमानों को भारी नुकसान पहुंचा था। अंत में थक हारकर पाकिस्तान ने लड़ाई रोकने की गुहार लगाई थी जिसके बाद भारत ने हमले बंद कर दिए थे।
आसिम मुनीर के हाथ में होंगी अपार शक्तियां
यह संशोधन वास्तव में सेना प्रमुख को बेहिसाब ताकत प्रदान करेगा। कई विशेषज्ञ इसे एक तरह से तख्तापलट को संवैधानिक वैधता देने जैसा मान रहे हैं। विधेयक के मसौदे के अनुसार आसिम मुनीर के पास परमाणु नियंत्रण का भी अधिकार होगा।
यह कानून सरकार को सशस्त्र बलों में फील्ड मार्शल वायु सेना के मार्शल और बेड़े के एडमिरल जैसे पदों पर पदोन्नति का अधिकार भी देता है। खास बात यह है कि फील्ड मार्शल का पद आजीवन बना रहेगा।
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