Up Kiran, Digital Desk: बागपत जिले के कोतवाली क्षेत्र स्थित बिहारीपुर गांव में शनिवार सुबह एक दर्दनाक घटना सामने आई। सुबह करीब 5 बजे, 55 वर्षीय दुकानदार ऋषिपाल को अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। गोली लगते ही दुकानदार गंभीर रूप से घायल हो गए थे, और जब परिजन उन्हें अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे, तब तक उनका निधन हो चुका था। इस हत्याकांड ने पूरे गांव में सनसनी मचा दी है, और घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है।
गांव में गहरी चिंता
घटना के तुरंत बाद, मृतक के परिवार और गांववाले इस अप्रत्याशित हिंसा के बारे में चर्चा करने लगे। कुछ ग्रामीणों का मानना है कि पंचायत चुनाव के ठीक पहले इस तरह की घटना गांव में किसी बड़ी राजनीतिक खींचतान का हिस्सा हो सकती है। मृतक के परिवार का आरोप है कि विवाद का मुख्य कारण गांव के प्रधान देवप्रिय के साथ पिछले दिनों हुए एक झगड़े को बताया जा रहा है, जिसमें प्रधान ने उन्हें खुलेआम धमकी दी थी। परिवार के मुताबिक, दस दिन पहले एक मामूली कहासुनी के दौरान प्रधान ने उन्हें तमंचा दिखाया था।
पुलिस की कार्रवाई
घटना के बाद कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाने के साथ ही आसपास के लोगों से भी पूछताछ शुरू कर दी है। घटनास्थल पर भारी भीड़ जमा हो गई, और पुलिस अब मामले की जांच में जुटी हुई है। हालांकि, अभी तक हत्या के कारणों को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन स्थानीय प्रशासन इसे गंभीरता से लेकर जांच कर रहा है।
प्रभावित परिवार
ऋषिपाल के परिवार में इस हत्याकांड को लेकर गहरी शोक की लहर दौड़ गई है। परिजन अत्यधिक दुखी हैं और उनका कहना है कि यदि समय पर मदद मिलती तो शायद उनकी जान बच सकती थी। इस घटना ने न केवल उनके परिवार को बल्कि पूरे गांव को आहत किया है। अब सवाल यह उठता है कि क्या पंचायत चुनाव से पहले ऐसे हिंसक घटनाएं बढ़ सकती हैं?
क्या है चुनावी राजनीति का असर?
गांव के प्रधान और स्थानीय राजनीति के बीच का विवाद इस हत्या को एक नया मोड़ दे रहा है। यह साफ है कि चुनावी माहौल में तनाव और हिंसा की स्थिति पैदा हो सकती है। ऐसे में क्या यह हत्या किसी व्यक्तिगत रंजिश का नतीजा थी, या फिर चुनावी राजनीति का परिणाम? अब इस सवाल का जवाब पुलिस की जांच पर निर्भर करेगा।




