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Up Kiran, Digital Desk: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक चौंकाने वाली हत्या का मामला सामने आया है, जिसमें UPSC कैंडिडेट राम केश मीणा की हत्या के बाद उनकी हार्ड डिस्क से कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं। मीणा की मौत 6 अक्टूबर को दिल्ली के गांधी विहार इलाके में एक इमारत में आग लगने के बाद हुई थी। पहले इसे एक हादसा माना गया था, लेकिन जांच में पता चला कि यह एक सोची-समझी हत्या थी।

पुलिस ने बताया कि मीणा के पास एक हार्ड डिस्क थी, जिसमें कम से कम 15 महिलाओं के अश्लील वीडियो और तस्वीरें पाई गईं। इस डिजिटल सामग्री को देखकर पुलिस ने अनुमान लगाया कि राम केश को इस तरह के कंटेंट जमा करने की आदत लग गई थी। यही कारण है कि उसकी हत्या की गई थी।

हत्या की साजिश: क्यों और कैसे हुई राम केश की मौत?

पुलिस की जांच के अनुसार, राम केश मीणा की हत्या की योजना उनके पूर्व प्रेमिका अमृता चौहान और उसके साथी सुमित कश्यप ने मिलकर बनाई थी। अमृता के मुताबिक, राम केश ने उसके कई निजी वीडियो बनाए थे और इन्हें हार्ड डिस्क पर स्टोर कर लिया था। बार-बार कहने के बावजूद, राम केश ने इन वीडियो को डिलीट नहीं किया था, जिससे अमृता को डर था कि ये वीडियो सार्वजनिक हो सकते हैं।

अमृता ने सुमित और एक अन्य साथी संदीप कुमार के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई सबूत न बचे, मीणा को गला घोंटकर मार दिया और फिर उसे एक आग के हादसे जैसा दिखाने के लिए इमारत में आग लगा दी।

डिजिटल प्राइवेसी और अपराध: क्या कहता है कानून?

इस मामले में सबसे अहम पहलू यह है कि कैसे डिजिटल कंटेंट, जैसे कि निजी वीडियो और तस्वीरें, एक व्यक्ति के जीवन को खतरे में डाल सकती हैं। पुलिस के अनुसार, यह मामला डिजिटल प्राइवेसी के उल्लंघन का एक उदाहरण है, और यह हमें बताता है कि कैसे आजकल के रिश्ते और व्यक्तिगत मीडिया को लेकर लोग संवेदनशील हो सकते हैं।

कानून की दृष्टि से देखें तो voyeurism (चुपचाप वीडियो या तस्वीरें लेना) एक गंभीर अपराध है। अगर कोई व्यक्ति बिना अनुमति के किसी और की तस्वीर या वीडियो लेता है, तो वह कानून का उल्लंघन करता है। यह मामला उस सीमा को भी छूता है, जिसमें डिजिटल सामग्री को बिना किसी की अनुमति के संग्रहीत किया जाता है।

पुलिस का बयान: क्या कहते हैं अधिकारी?

दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) रविंद्र यादव के मुताबिक, अब तक कोई महिला सामने नहीं आई है जिसने अपनी निजी वीडियो या इमेज लीक होने की शिकायत की हो। फिर भी, उन्होंने यह पुष्टि की है कि राम केश की हार्ड डिस्क और अन्य डिवाइसों में इन महिलाओं के वीडियो मौजूद थे।

पुलिस ने यह भी बताया कि यह एक गंभीर मामला है क्योंकि एक आदमी की हत्या के पीछे डिजिटल डेटा और कंटेंट का बड़ा हाथ है। यह घटना इस बात की ओर इशारा करती है कि कैसे निजी संबंधों के भीतर का डिजिटल कंटेंट भी अपराधों का कारण बन सकता है।