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Up Kiran, Digital Desk:  दिल्ली के पास फरीदाबाद में मिले 'व्हाइट कॉलर' आतंकी मॉड्यूल और उसके बाद दिल्ली में हुए धमाके ने पूरे देश को दहला दिया है. इस मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, इसमें पढ़े-लिखे डॉक्टर और इंजीनियरों के नाम सामने आ रहे हैं. इन्हीं में से एक नाम है जम्मू की डॉ. शाहीन का. जब से इस मामले में उनका नाम आया है, जम्मू के बाहरी इलाके मलिक मार्केट में रहने वाले उनके पिता बशीर अहमद का पूरा परिवार सदमे में है.

उन्हें इस बात पर यकीन ही नहीं हो रहा कि जिस बेटी को उन्होंने इतने नाजों से पाला और पढ़ाया, वह किसी आतंकी साजिश का हिस्सा हो सकती है.

शादी के बाद उससे बात भी नहीं हुई

भावुक पिता बशीर अहमद ने नम आंखों से बताया, "शादी के बाद से हमारी उससे एक बार भी बात नहीं हुई. मुझे तो मीडिया से ही पता चला कि मेरी बेटी का नाम ऐसे किसी मामले में आया है."

उन्होंने बताया कि डॉ. शाहीन की शादी इसी साल जून में जम्मू के पुलवामा के रहने वाले डॉ. उमर से हुई थी. शादी से पहले लड़के के परिवार वालों ने उन्हें बताया था कि डॉ. उमर दिल्ली में नौकरी करता है और शाहीन भी वहीं उसके साथ रहेगी. बशीर अहमद के लिए यह रिश्ता बिल्कुल सामान्य था और उन्हें लड़के या उसके परिवार में कुछ भी संदिग्ध नहीं लगा.

बशीर अहमद कहते हैं, मेरी बेटी एक पढ़ी-लिखी, समझदार लड़की है. मैं यह सोच भी नहीं सकता कि वह किसी भी तरह की देश-विरोधी गतिविधि में शामिल हो सकती है. वह अपने काम और पढ़ाई के अलावा किसी चीज में दिलचस्पी नहीं लेती थी.

पूछताछ में सामने आया था शाहीन का नाम

आपको बता दें कि फरीदाबाद से गिरफ्तार किए गए आतंकी मॉड्यूल से पूछताछ के दौरान डॉ. शाहीन का नाम सामने आया. जांच एजेंसियों का आरोप है कि डॉ. शाहीन अपने पति, डॉ. उमर, जो इस पूरे मामले का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है, की गतिविधियों के बारे में जानती थी. डॉ. उमर फिलहाल फरार है और उसी ने कथित तौर पर दिल्ली के लाल किले के पास कार में धमाका किया था.

अब एजेंसियां डॉ. शाहीन के रोल की जांच कर रही हैं. लेकिन एक पिता के लिए इस सच्चाई पर यकीन करना मुश्किल हो रहा है. उनका दिल और दिमाग यह मानने को तैयार नहीं है कि उनकी लाडली बेटी किसी की जान लेने की साजिश का हिस्सा हो सकती है. यह कहानी पढ़े-लिखे युवाओं के आतंकवाद की राह पर जाने और उनके पीछे टूटते-बिखरते परिवारों की एक और दर्दनाक मिसाल है.