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Up Kiran, Digital Desk: केंद्र सरकार ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है और मामला जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा एआईए को सौंपा जा रहा है। पता चला है कि यह हमला पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने अपने 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) के जरिए किया था।

अधिकारियों के अनुसार, एनआईए अब जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को फिर से दर्ज करेगी और औपचारिक जांच शुरू करेगी। महत्वपूर्ण बात यह है कि आईजी विजय साखरे के नेतृत्व में एनआईए की टीम 23 अप्रैल से ही स्थानीय पुलिस की सहायता कर रही है। एनआईए जल्द ही इस हमले के पीछे व्यापक आतंकी नेटवर्क और साजिश का पर्दाफाश करने के लिए गहन जांच शुरू करेगी।

बीते कई दिनों से एनआईए हमले में जीवित बचे लोगों के बयान दर्ज कर रही है। साथ ही सेना, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकी संगठनों से जुड़े गिरफ्तार आतंकियों और स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। इस बीच, सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या करने वाले आतंकवादियों की तलाश कर रही है।

हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता

भारतीय खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची स्थित सुरक्षित ठिकानों में हमले के डिजिटल साक्ष्य मिले हैं, जिससे हमले में पाकिस्तान की प्रत्यक्ष संलिप्तता की पुष्टि होती है। ऐसा माना जाता है कि यह हमला भी मुम्बई में 26/11 की नियंत्रण कक्ष कार्रवाई की तर्ज पर किया गया था। फोरेंसिक विश्लेषण और प्रत्यक्षदर्शी रिपोर्टों से पता चला है कि हमला 4-5 आतंकवादियों द्वारा किया गया था। वे सभी अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे। अब एनआईए इस घटना की विभिन्न कोणों से जांच करेगी।

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