img

Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर गर्माहट आ गई है। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को निशाने पर लेते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अखिलेश यादव धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल सियासी लाभ के लिए करते हैं और यह कोई नई रणनीति नहीं है।

बृजेश पाठक ने एक प्रेस बयान में कहा कि अखिलेश का झुकाव धार्मिक संस्थानों की ओर अधिक है और उन्होंने तंज कसते हुए उन्हें 'नमाजवादी' की संज्ञा दी। यह टिप्पणी राजनीतिक गलियारों में तेजी से चर्चा का विषय बन गई है।

डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी के सत्ता में लौटने की कोई गुंजाइश नहीं है, और यदि ऐसा होता है तो प्रदेश में शांति व्यवस्था पर गहरा संकट आ सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा के शासन में हिंसा और सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं बढ़ सकती हैं।

प्रदेश में इन दिनों धर्मांतरण से जुड़े मामलों और साम्प्रदायिक घटनाओं को लेकर माहौल पहले से ही संवेदनशील है। ऐसे में यह बयान राजनीतिक तापमान को और बढ़ा सकता है।

बृजेश पाठक ने यह भी दावा किया कि वर्तमान सरकार उन तत्वों पर लगातार सख्ती कर रही है जो अवैध धर्मांतरण में शामिल हैं। उनके अनुसार, सरकार ऐसे गिरोहों को पूरी तरह खत्म करने के लिए कठोर कदम उठा रही है।

साथ ही उन्होंने यह भी दोहराया कि योगी सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। पाठक का कहना है कि समाजवादी पार्टी की वापसी का मतलब होगा—राज्य की सामाजिक एकता और अमन-चैन को खतरे में डालना।

--Advertisement--