Punjab News: कुख्यात अपराधी नारायण सिंह चौरा द्वारा सुखबीर सिंह बादल पर किया गया गोलीकांड न सिर्फ पंजाब सरकार बल्कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी एक गंभीर चुनौती बन गया है। श्री दरबार साहिब के पवित्र स्थल पर हमलावर का हमला करना और उसकी चुपके से पहुंचने की कोशिश ने सुरक्षा के तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस हमले के पीछे की साजिश और इसके प्रभाव पर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। क्या चौरा का मकसद पंजाब का माहौल बिगाड़ना था और क्या वो राजनेताओं को निशाना बनाकर माहौल को तनावपूर्ण करना चाहता था?
ये घटना जहां एक ओर पंजाब पुलिस की चौकसी को साबित करती है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे इंटेलिजेंस की विफलता मानता है। सुरक्षा में तैनात ASI जसबीर सिंह शेर जैसी बहादुरी से बड़ी घटना को टाल दिया, मगर एक गोली के चलने से यह स्पष्ट हो गया कि हमलावर के इरादे बेहद खतरनाक थे। चौरा के कनेक्शन से अब ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या उसने राजनीतिक रूप से किसी बड़े बदलाव की साजिश रची थी।
नारायण सिंह चौरा चौरा की पत्नी ने बताया कि वह घर से बरसी में जाने के लिए निकला था और उसे इस हमले के बारे में तब पता चला जब रिपोर्टर्स उनके घर पहुंचे। चौरा पहले भी अमृतसर, लुधियाना और गुरदासपुर की जेलों में बंद रह चुका था और उसकी इस हरकत को लेकर अब पूरे प्रदेश में चर्चा हो रही है। क्या वह खुद को किसी बड़े साजिश का हिस्सा मानता था? यही सवाल अब पंजाब की राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था पर भी गहरे प्रभाव डाल रहा है।
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