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Up Kiran, Digital Desk: पंजाब में पड़ोसी क्षेत्रों के मुकाबले सबसे अधिक नकली कामकाजी कार्ड रद्द किए गए हैं। जब केंद्रीय सरकार इस योजना में सुधार करने की योजना बना रही है, उसी दौरान ये आंकड़े सामने आए हैं। आंकड़ों के मुताबिक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत फर्जी या नकली कामकाजी कार्डों की पहचान कर उन्हें रद्द करने में पंजाब सबसे आगे है।

आंकड़ों के अनुसार हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब इन तीनों राज्यों में रद्द किए गए कुल कामकाजी कार्डों में से लगभग 82 प्रतिशत कार्ड केवल पंजाब में रद्द हुए हैं।

लोकसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार पंजाब ने 2019-20 से 2024-25 तक कुल 5,27,728 कामकाजी कार्ड रद्द किए। इसके मुकाबले हिमाचल प्रदेश ने 60,629 और हरियाणा ने 55,126 कामकाजी कार्ड रद्द किए। तीनों राज्यों में मिलाकर कुल 6,43,483 कामकाजी कार्ड रद्द किए गए, जिनमें पंजाब का योगदान सबसे बड़ा है।

इन पांच वर्षों में पंजाब ने 9,22,378 श्रमिकों को कामकाजी कार्ड से हटाया, जबकि हिमाचल प्रदेश में यह संख्या 2,54,325 और हरियाणा में 98,719 रही। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय का कहना है कि कामकाजी कार्डों को अद्यतन करना और रद्द करना राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की नियमित प्रक्रिया है। कामकाजी कार्ड आमतौर पर फर्जी, दोहराए गए या गलत जानकारी के कारण रद्द होते हैं, जैसे कि परिवारों का स्थायी रूप से ग्राम पंचायत क्षेत्र से बाहर जाना, शहरी क्षेत्र में पुनर्वर्गीकरण या कार्ड में दर्ज सदस्य की मृत्यु।