
Up Kiran, Digil Desk:बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में हाल ही में हुई भगदड़ की दुखद घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने कड़ा रुख अपनाया है। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए, आयोग ने इसका संज्ञान लिया है और संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं।
NHRC का संज्ञान लेना इस बात का संकेत है कि आयोग इस घटना को सार्वजनिक सुरक्षा और संभावित मानवाधिकारों के उल्लंघन के दृष्टिकोण से देख रहा है। इस तरह की भगदड़ में लोगों की जान जोखिम में पड़ना या शारीरिक चोटें लगना सीधे तौर पर उनके जीवन के अधिकार और सुरक्षा के अधिकार का हनन है।
आयोग ने कर्नाटक सरकार के साथ-साथ पुलिस और घटना के प्रबंधन से जुड़े अन्य अधिकारियों से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इन नोटिसों के माध्यम से, NHRC घटना के कारणों, भीड़ प्रबंधन के लिए उठाए गए कदमों, सुरक्षा व्यवस्था में संभावित खामियों और पीड़ितों को दी गई सहायता के बारे में जानकारी हासिल करना चाहता है।
इस घटना में जवाबदेही तय करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ज़रूरी कदम उठाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। NHRC का हस्तक्षेप यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है कि घटना की उचित जांच हो, लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई हो, और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा प्रोटोकॉल को मज़बूत किया जाए।
यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि बड़े सार्वजनिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है, और कैसे इसकी अनदेखी भयावह परिणाम दे सकती है। NHRC की कार्रवाई उम्मीद जगाती है कि पीड़ितों को न्याय मिलेगा और सार्वजनिक सुरक्षा के मानकों में सुधार होगा।
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