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Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान में जारी भारी बारिश (Heavy Rains in Rajasthan) अपने साथ आपदा (Disaster) लेकर आई है. शुक्रवार सुबह धौलपुर जिले (Dholpur District) में एक दुखद हादसा सामने आया, जहां पार्वती नदी (Parvati River) के रणोली पुलिया से एक मिनी-ट्रक ड्राइवर और क्लीनर सहित पानी के तेज बहाव में बह गया. वाहन मनिया थाने क्षेत्र में पुलिया से होकर गुजरते वक्त नदी में समा गया और उसके साथ ड्राइवर व क्लीनर भी पानी में डूब गए. यह घटना मानसून के कहर और जानलेवा बारिश (Deadly Rain) का ताजा उदाहरण है.

हादसे के समय ट्रक में सवार मजदूर और ठेकेदार की जान तो बाल-बाल बच गई, लेकिन ड्राइवर और क्लीनर के शवों (Bodies of Driver and Cleaner) की तलाश खबर लिखे जाने तक जारी है. पुलिस दोनों की तलाश में युद्धस्तर पर जुटी हुई है. इस दुर्घटना ने एक बार फिर बाढ़ (Flood) की भयावहता और बचाव कार्यों (Rescue Operation) की चुनौतियों को उजागर किया है.

नागौर में हाईवे 'जल समाधि': लूणी नदी ने बंद कराया NH-458, शहरों का संपर्क कटा!

उधर, नागौर जिले (Nagaur District) के जसनागर में प्रशासन को पिछले 12 दिनों में तीसरी बार राष्ट्रीय राजमार्ग-458 (National Highway-458) को बंद करना पड़ा है, क्योंकि लूणी नदी (Luni River) का पानी जसनागर पुलिया के ऊपर 6 इंच तक बह रहा है. किसी भी अनहोनी (Mishaps) को रोकने के लिए प्रशासन को एक बार फिर से नेशनल हाईवे को बंद करना पड़ा है. इसकी वजह से नागौर का पाली (Pali) और ब्यावर जिलों (Beawar Districts) से संपर्क (Connectivity Lost) टूट गया है. लगातार बारिश ने परिवहन और जनजीवन दोनों को अस्त-व्यस्त कर दिया है. यह स्थिति दर्शाती है कि राजस्थान में बाढ़ की गंभीरता (Severity of Flooding) कितनी अधिक है और इसके यातायात (Traffic) पर क्या असर पड़ रहा है.

बारिश का 'अंगारे रिकॉर्ड': 69 साल में पहली बार इतनी बरसात, टूट गए सारे पुराने कीर्तिमान!

इस साल राज्य में हुई लगातार बारिश (Incessant Rains) ने राजस्थान के सभी पिछले रिकॉर्ड (Records Smashed) तोड़ दिए हैं. इस साल जुलाई के महीने में दर्ज की गई वर्षा 69 साल में सबसे अधिक (Highest Rainfall in 69 Years) रही है. पिछले महीने कुल 285 मिमी वर्षा (285MM Rainfall Recorded) दर्ज की गई. इससे पहले 1956 में जुलाई में सबसे अधिक 308 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी. यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से मॉनसून (Monsoon) के बदलते मिजाज और अतिवृष्टि (Excessive Rainfall) के प्रभावों को दर्शाता है, जिससे राज्य में मौसम अलर्ट (Weather Alert) की स्थिति बनी हुई है.

आगे भी खतरा: मेट सेंटर जयपुर का 'येलो अलर्ट', 16 जिलों में स्कूल बंद, डर का माहौल!

मौसम केंद्र जयपुर (Meteorological Center Jaipur) ने शुक्रवार के लिए 6 जिलों में मध्यम से भारी बारिश (Moderate to Heavy Rain) के लिए 'येलो अलर्ट' (Yellow Alert) जारी किया है. भारी बारिश की चेतावनी (Warning of Heavy Rain) के बीच शुक्रवार को 16 जिलों में स्कूल (Schools Closed) बंद कर दिए गए. झालावाड़ (Jhalawar), टोंक (Tonk), कोटा (Kota), भरतपुर (Bharatpur), डीग (Deeg), अजमेर (Ajmer), जैसलमेर (Jaisalmer), बीकानेर (Bikaner), नागौर (Nagaur), सीकर (Sikar) और चूरू (Churu) सहित अन्य जिलों में स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की गई है. मौसम केंद्र ने अगस्त (जयपुर, अजमेर, कोटा, भरतपुर, बीकानेर) में भी सामान्य से अधिक वर्षा (More than Normal Rainfall in August) की भविष्यवाणी की है.

मौसम विशेषज्ञों (Weather Experts) के अनुसार, मानसून ट्रफ रेखा (Monsoon Trough Line) इस समय श्री गंगानगर (Sri Ganganagar), रोहतक (Rohtak) से गुजर रही है. दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के ऊपरी स्तर पर एक चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) बना हुआ है. इस प्रणाली के प्रभाव से 2 अगस्त को बीकानेर संभाग (Bikaner Division) में बारिश की उम्मीद है, जबकि राज्य के बाकी हिस्सों में मौसम शुष्क रह सकता है. यह दर्शाता है कि राजस्थान के लिए आगामी दिन भी चुनौती भरे हो सकते हैं, जिससे मौसम विज्ञान (Meteorology) के अनुमान और सरकारी तैयारी (Government Preparedness) दोनों महत्वपूर्ण हैं.

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