
Up Kiran, Digital Desk: मंडी में बीते 24 घंटों से मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसके चलते कई निचले इलाकों में पानी भर गया है और सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं। जिला प्रशासन ने एहतियातन सभी स्कूल और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया है ताकि बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह फैसला छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि सड़कें फिसलन भरी और खतरनाक हो गई हैं।
राज्य के प्रमुख राजमार्गों पर भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। मंडी से कुल्लू को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 3 (NH-3) और चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग 21 (NH-21) कई जगहों पर अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं।
सड़क पर मलबा गिरने और पानी भर जाने के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई यात्री और पर्यटक अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं, और उन्हें निकालने के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी है।
हिमाचल प्रदेश राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (HP-SEOC) के अनुसार, इस मॉनसून सीजन में अब तक मॉनसून से संबंधित घटनाओं, जैसे कि भूस्खलन, अचानक आई बाढ़ और सड़क दुर्घटनाओं में कुल 164 लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा राज्य के लिए एक भयावह स्थिति को दर्शाता है।
भारी बारिश के कारण राज्य को करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है, जिसमें सड़कें, पुल और निजी संपत्तियां शामिल हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंडी सहित कई जिलों के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है, जिसमें और अधिक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है। खासकर पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और चट्टान गिरने का खतरा बढ़ गया है, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों को सतर्क रहने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और जिला प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। फंसे हुए लोगों को निकालने और प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सामग्री पहुंचाने का काम जारी है। जुलाई के दूसरे सप्ताह में हुई भारी बारिश के बाद से ही हिमाचल प्रदेश लगातार प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा है, और यह मौजूदा बारिश राज्य के लिए नई चुनौतियां लेकर आई है।
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