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Up Kiran, Digital Desk: साल का वह सबसे पवित्र और ऊर्जा से भरा समय एक बार फिर आने वाला है, जिसका हम सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है नवरात्रि! यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि माँ दुर्गा की नौ दिनों की भक्ति, शक्ति और उत्सव का प्रतीक है। इन नौ दिनों में हम माँ के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं और अपने अंदर की बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लेते हैं।

इस पावन पर्व की शुरुआत होती है सबसे महत्वपूर्ण रस्म घटस्थापना या कलश स्थापना के साथ।

क्या है यह घटस्थापना और यह इतनी ज़रूरी क्यों है?

घटस्थापना का सीधा सा मतलब है - घट (यानी कलश) की स्थापना करना। यह सिर्फ एक कलश रखना नहीं है, बल्कि यह इन नौ दिनों के लिए देवी शक्ति का आह्वान करने और उन्हें अपने घर में स्थापित करने का प्रतीक है। माना जाता है कि कलश में ब्रह्मांड की सारी शक्तियां, त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) और सभी देवी-देवता वास करते हैं।

सही मुहूर्त और सही विधि से कलश की स्थापना करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, सुख-शांति आती है और माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह नवरात्रि की पूजा का सबसे पहला और सबसे ज़रूरी चरण है।

इस साल कब है घटस्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त?

इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत बुधवार, 1 अक्टूबर 2025 से हो रही है। इस दिन कलश स्थापना का सबसे शुभ मुहूर्त है:

घटस्थापना मुहूर्त: सुबह 06:18 बजे से सुबह 07:32 बजे तक

कुल अवधि: सिर्फ 1 घंटा 14 मिनट

यह वह समय है जब देवी का आगमन होता है, इसलिए कोशिश करें कि इसी शुभ मुहूर्त में आप अपनी पूजा संपन्न कर लें।

कैसे करें कलश की स्थापना? (सबसे सरल विधि)

कलश स्थापना के लिए आपको कुछ पवित्र वस्तुओं की ज़रूरत पड़ेगी, जैसे मिट्टी का एक चौड़ा पात्र, पवित्र मिट्टी, सात प्रकार के अनाज (सप्तधान्य), एक मिट्टी या धातु का कलश, गंगाजल, सुपारी, सिक्के, आम के पत्ते, नारियल और लाल कपड़ा।

जौ बोना: सबसे पहले मिट्टी के चौड़े पात्र में पवित्र मिट्टी की एक परत बिछाएं। उस पर सप्तधान्य या जौ के बीज फैलाएं और फिर से मिट्टी की एक परत डाल दें। थोड़ा पानी छिड़कें।

कलश तैयार करना: अब कलश को लें और उसके गले में पवित्र मौली (कलावा) बांधें। कलश को गंगाजल या शुद्ध जल से भरें।

कलश में डालें पवित्र वस्तुएं: अब इस जल में एक सुपारी, फूल, दूर्वा, अक्षत (चावल) और एक सिक्का डालें।

आम के पत्ते सजाएं: कलश के मुख पर 5 या 7 आम के पत्ते इस तरह रखें कि उनकी की ओर हो।

नारियल स्थापित करें: अब एक नारियल लें, उस पर लाल कपड़ा लपेटें और उसे मौली से बांध दें। इस नारियल को आम के पत्तों के ऊपर रखें।

देवी का आह्वान: अब इस तैयार कलश को जौ वाले मिट्टी के पात्र के बीचों-बीच स्थापित कर दें। हाथ जोड़कर देवी दुर्गा का आह्वान करें और उनसे प्रार्थना करें कि वह नौ दिनों तक आपके घर में वास करें और अपनी कृपा बरसाएं।