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Up Kiran, Digital Desk: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) के महत्व पर एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात कही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि 'स्थिरता' अब सिर्फ एक आकर्षक नारा नहीं रह गया है, बल्कि यह हमारे अस्तित्व के लिए एक परम आवश्यकता बन चुकी है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने 'ग्लोबल एनर्जी एफिशिएंसी एंड सस्टेनेबिलिटी कांफ्रेंस' (Global Energy Efficiency and Sustainability Conference) को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे और पर्यावरण पर पड़ रहे गंभीर प्रभावों के मद्देनजर, स्थिरता को अब एक नीतिगत विकल्प के बजाय एक अनिवार्य आवश्यकता के रूप में देखा जाना चाहिए।

राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मानवता ने प्रकृति का कितना शोषण किया है, जिसके कारण हम आज जलवायु परिवर्तन जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "अब समय आ गया है कि हम अपनी सोच बदलें और विकास के ऐसे मॉडल अपनाएं जो न केवल आर्थिक रूप से व्यवहार्य हों, बल्कि पर्यावरणीय रूप से भी जिम्मेदार हों।"

उन्होंने 'लाइफ' (LiFE - Lifestyle for Environment) मिशन के महत्व पर भी बात की, जिसे भारत ने वैश्विक स्तर पर बढ़ावा दिया है। 'लाइफ' मिशन एक ऐसी जीवनशैली को अपनाने की वकालत करता है जो पर्यावरण के अनुकूल हो और सतत विकास को बढ़ावा दे। यह मिशन हर व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करता है।

राष्ट्रपति ने ऊर्जा दक्षता (Energy Efficiency) और अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) के महत्व पर भी जोर दिया, क्योंकि ये स्थिरता प्राप्त करने के प्रमुख स्तंभ हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस तरह के सम्मेलन स्थिरता की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए नई सोच और समाधान पेश करेंगे।

 राष्ट्रपति मुर्मू का यह बयान एक स्पष्ट संदेश है कि पर्यावरण की रक्षा और संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग अब कोई विकल्प नहीं, बल्कि हमारी साझा जिम्मेदारी और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक आवश्यकता है।

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