_1199823796.png)
Up Kiran, Digital Desk: अयोध्या के दर्शन नगर में स्थित राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज एक गंभीर विवाद के केंद्र में आ गया है। 76 वर्षीय बुजुर्ग नरेंद्र बहादुर सिंह की मौत ने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीकापुर कोतवाली क्षेत्र के रजौरा गांव निवासी नरेंद्र बहादुर को फेफड़ों की बीमारी और हाई बीपी-शुगर की शिकायत के कारण भर्ती कराया गया था मगर इलाज में कथित लापरवाही ने उनके परिवार को मातम में बदल दिया।
क्या हुआ था असल में
मामला गुरुवार से शुरू हुआ जब नरेंद्र बहादुर सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुक्रवार शाम लगभग पांच बजे उन्हें एक इंजेक्शन दिया गया था जिसकी दूसरी डोज 10 घंटे बाद लगनी थी। मगर अस्पताल के स्टाफ की लापरवाही के कारण यह डोज महज 22 मिनट में दे दी गई। परिजनों का आरोप है कि इंजेक्शन की मात्रा भी ज्यादा थी जिससे उनकी हालत अचानक गंभीर हो गई और फिर अंतत: उनकी मौत हो गई।
परिजन इस हादसे को लापरवाही से बढ़कर 'घोर अपराध' बता रहे हैं। उनका कहना है कि जैसे ही स्थिति खराब हुई स्टाफ को सूचित किया गया मगर कोई प्रशिक्षित डॉक्टर समय पर मौके पर नहीं पहुंचा। करीब आधे घंटे तक आईसीयू में सीपीआर चलती रही जबकि उस समय मरीज पहले ही दम तोड़ चुका था। परिजनों का यह भी आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
अस्पताल की प्रतिक्रिया और कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा ने वार्ड बॉय अखिलेश और संबंधित स्टाफ नर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही इस मामले की जांच के लिए एक विशेष कमेटी भी गठित की गई है। प्राचार्य ने साफ किया है कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
--Advertisement--