
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मास्टर प्लान-2031 को मंजूरी मिलने के बाद यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने अपने महत्वाकांक्षी ‘न्यू आगरा अर्बन सेंटर’ प्रोजेक्ट पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। यह नया शहर मथुरा और आगरा के बीच लगभग 12,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में विकसित किया जाएगा, जिसमें आवासीय, औद्योगिक, वाणिज्यिक और पर्यटन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) पर काम जारी
YEIDA अधिकारियों के अनुसार, एक निजी कंसल्टिंग फर्म इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार कर रही है, जो जल्द ही पूरी होने की संभावना है। इसके बाद जोनल प्लान और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
YEIDA के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि यदि किसान स्वेच्छा से अपनी भूमि बेचना चाहें, तो प्राधिकरण सीधे रजिस्ट्री के माध्यम से जमीन खरीदेगा। भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की प्रक्रिया लंबी होने के कारण इसे अंतिम विकल्प के रूप में देखा जाएगा।
जमीन का उपयोग – मास्टर प्लान में क्या है खास?
12,000 हेक्टेयर में से:
29% भूमि आवासीय उपयोग के लिए
22% भूमि हरित क्षेत्र (ग्रीन जोन) के लिए
17% भूमि ग्रीन कैटेगरी की इंडस्ट्री के लिए
7% भूमि सार्वजनिक सुविधाएं जैसे शिक्षा और स्वास्थ्य
5% भूमि वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए
4% भूमि मिक्स्ड लैंड यूज के लिए
16% भूमि ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए
शेष भूमि अन्य आवश्यक गतिविधियों के लिए रखी गई है
राजधानी से कनेक्टिविटी की मजबूत योजना
इस नए शहर को दिल्ली, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा से सीधे जोड़ने की योजना है। YEIDA की योजना के अनुसार, नमो भारत रैपिड ट्रेन को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से न्यू आगरा तक जोड़ने का प्रस्ताव है।
इस रूट के लिए 131 किलोमीटर लंबी लाइन यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बनाई जाएगी।
इससे दिल्ली और एनसीआर से नए शहर तक तेज और सुविधाजनक यात्रा संभव होगी।
रोजगार के अवसर
YEIDA के अनुसार, इस प्रोजेक्ट से लगभग 8.5 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। इससे न केवल इस क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा, बल्कि मूलभूत सुविधाएं और निवेश भी बढ़ेगा।
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