
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बेहद सकारात्मक संकेत सामने आया है। मई के महीने में देश में नई कंपनियों के पंजीकरण में 29% की शानदार वृद्धि दर्ज की गई है। यह आंकड़ा बताता है कि भारत में उद्यमशीलता की भावना तेज़ी से बढ़ रही है और कारोबारी माहौल लगातार बेहतर हो रहा है।
यह उछाल इस बात का प्रमाण है कि उद्यमी और व्यवसायी नए व्यापार के अवसर तलाश रहे हैं और उन्हें बाजार में वृद्धि की प्रबल संभावनाएं दिख रही हैं। नई कंपनियों का पंजीकरण आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि, निवेश में बढ़ोतरी और अंततः रोजगार सृजन का सूचक होता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि सरकार की 'ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस' (व्यवसाय करने में सुगमता) पहलों, डिजिटल इंडिया अभियान और स्टार्ट-अप को दिए जा रहे समर्थन का परिणाम है। इन नीतियों ने नए व्यवसायों के लिए देश में अपनी पहचान बनाना और पंजीकरण कराना आसान बना दिया है।
यह डेटा भारत की आर्थिक मजबूती और आत्मविश्वास को भी दर्शाता है, भले ही वैश्विक अर्थव्यवस्था में कुछ चुनौतियां मौजूद हों। नई फर्मों का यह पंजीकरण विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार का संकेत देता है, जो एक विविध और गतिशील अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
यह उछाल न केवल घरेलू निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है, बल्कि संभावित रूप से विदेशी निवेश को भी आकर्षित करेगा, क्योंकि भारत एक अनुकूल व्यापार गंतव्य के रूप में उभर रहा है। यह प्रवृत्ति भारत के 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' जैसे विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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