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Up Kiran, Digital Desk: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को संसद को सूचित किया कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 तक विभिन्न परिसंपत्ति मुद्रीकरण (asset monetisation) माध्यमों से कुल ₹1,42,758 करोड़ जुटाए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए ₹30,000 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

गडकरी ने बताया कि सरकार राजमार्ग परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण तीन मुख्य माध्यमों से करती है: टोल ऑपरेट एंड ट्रांसफर (ToT), इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT), और सिक्योरिटाइजेशन (SPV के माध्यम से परियोजना-आधारित वित्तपोषण)।

मुद्रीकरण के विभिन्न माध्यमों से जुटाई गई राशि:

वित्तीय वर्ष 2024-25 तक जुटाई गई कुल राशि में से:

ToT (टोल ऑपरेट एंड ट्रांसफर): ₹48,995 करोड़

InvIT (इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट): ₹43,638 करोड़

सिक्योरिटाइजेशन: ₹50,125 करोड़

मुद्रीकरण की प्रक्रियाएं:

ToT मोड: इसके तहत, खुली बाजार बोलियां आमंत्रित की जाती हैं। सड़क खंडों को 15-30 साल की रियायत अवधि के लिए उच्चतम बोली लगाने वाले को आवंटित किया जाता है, जिसकी पेशकश आरक्षित मूल्य से ऊपर होनी चाहिए। NHAI ने नेशनल हाईवेज़ इंफ्रा ट्रस्ट (NHIT) का गठन किया है और अधिकतम मूल्यांकन प्राप्त करने के लिए इसे 15-30 साल की रियायत अवधि के लिए स्ट्रेच प्रदान करता है। NHIT की पेशकश मूल्य की तुलना आरक्षित मूल्य से की जाती है, और यह बदले में बॉन्ड के माध्यम से धन जुटाता है और SEBI प्लेटफॉर्म पर इकाइयों की बिक्री के माध्यम से सर्वोत्तम मूल्य का पता लगाता है।

सिक्योरिटाइजेशन मोड: NHAI को बैंकों से दीर्घकालिक वित्त जुटाने और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जैसे टोल प्लाजा से उपयोगकर्ता शुल्क प्राप्तियों को सुरक्षित करके बॉन्ड जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है, जो एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) के माध्यम से परिसंपत्ति मुद्रीकरण का एक वैकल्पिक तरीका है।

InvIT मोड: NHAI ने नेशनल हाईवेज़ इंफ्रा ट्रस्ट (NHIT) का गठन किया है, जो बॉन्ड और इकाइयों की बिक्री के माध्यम से धन जुटाता है।

धन का हस्तांतरण और उपयोग:

TOT मोड से प्राप्त धन को भारत के समेकित निधि (Consolidated Fund of India - CFI) में स्थानांतरित किया जाता है, जो बजटीय सहायता के तहत पुनर्निवेश के माध्यम से प्राप्त होता है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 से, InvIT मोड से प्राप्त धन को भी CFI में स्थानांतरित किया जाता है, जो बजटीय सहायता के तहत पुनर्निवेश के माध्यम से प्राप्त होता है।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना SPV के माध्यम से सिक्योरिटाइजेशन मोड के तहत है। धन का उपयोग दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के परियोजना व्यय के लिए किया जाता है।

मंत्री ने यह भी कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए परिसंपत्ति मुद्रीकरण का अनुमानित वित्तीय योगदान ₹30,000 करोड़ है। सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष और उसके बाद के लिए ToT/InvIT मोड के माध्यम से मुद्रीकरण के लिए NH खंडों की पहचान भी की है।

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