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Up Kiran, Digital Desk: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को भारत पहुंच रहे हैं, जहां वे भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह बैठक दोनों देशों के रिश्तों की मजबूती को दर्शाती है, जो एक विशेष रणनीतिक साझेदारी पर आधारित है।

इस सम्मेलन में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। जैसे भारतीय कंपनियों का रूसी बाजार में विस्तार, औद्योगिक सहयोग को बढ़ाना, संयुक्त परियोजनाओं की समीक्षा, उच्च तकनीक सहयोग और दवा तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना। इसके अलावा भारत से कुशल मानव संसाधन को रूस भेजने का मुद्दा भी चर्चा में रहेगा।

पुतिन का यह दौरा खासतौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करेगा। पिछले दौरे में 28 बड़े समझौते हुए थे, जिनमें मिलिट्री और तकनीकी समझौते प्रमुख थे। दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग 60 अरब डॉलर का है और भविष्य में इसे और बढ़ाने के लिए 2030 तक नया आर्थिक रोडमैप तैयार करने पर चर्चा हो रही है।

अमेरिका के साथ भारत का व्यापार सरप्लस है लेकिन रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका ने उच्च टैरिफ लगा रखा है। पुतिन का भारत आना अमेरिका और दुनिया के लिए एक बड़ा संदेश होगा, ये दिखाते हुए कि भारत और रूस के रिश्ते सिर्फ व्यापारिक नहीं बल्कि आपसी सम्मान पर आधारित हैं। पुतिन का भारत दौरा न केवल वैश्विक रणनीतिक समीकरणों को प्रभावित करेगा बल्कि यह पाकिस्तान और अमेरिका को भी एक कड़ा संदेश देगा कि भारत और रूस हमेशा एक दूसरे के साथ खड़े हैं।