 (1)_992607593.jpg) 
                                                
                                                Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका में रहने और काम करने का सपना देखने वाले कई भारतीयों के लिए एक नई चिंता खड़ी हो गई है। हाल ही में, अमेरिकी श्रम विभाग ने एक विज्ञापन जारी किया है जिसमें H1B वीज़ा प्रोग्राम के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया गया है। इस विज्ञापन में सीधे तौर पर भारत का ज़िक्र करते हुए कहा गया है कि इस वीज़ा का सबसे ज़्यादा फ़ायदा भारतीय नागरिक उठाते हैं, जिससे अमेरिकी युवाओं के लिए मौक़े कम हो रहे हैं।
यह मामला सिर्फ़ एक विज्ञापन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह "अमेरिका फ़र्स्ट" रोज़गार नीति को फिर से लागू करने की एक बड़ी कोशिश का हिस्सा लगता है। इस नई नीति के तहत, सरकार का इरादा उन कंपनियों पर सख्ती करना है जो अमेरिकी नागरिकों की जगह विदेशी कर्मचारियों को कम वेतन पर काम पर रखती हैं।
"प्रोजेक्ट फायरवॉल" का मक़सद
इस पूरी कार्रवाई को "प्रोजेक्ट फायरवॉल" नाम दिया गया है, जिसे सितंबर 2025 में शुरू किया गया था। इसका मुख्य मक़सद H1B वीज़ा नियमों का पालन सुनिश्चित करना है। ख़ासतौर पर टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में, जहाँ विदेशी कर्मचारियों की माँग ज़्यादा रहती है, वहाँ की कंपनियों पर कड़ी नज़र रखी जाएगी।
सरकार का कहना है कि H1B वीज़ा सिस्टम का गलत इस्तेमाल करके कंपनियों ने अमेरिकी युवाओं से "अमेरिकन ड्रीम" छीन लिया है। उनका दावा है कि प्रशासन अब ऐसी कंपनियों को जवाबदेह ठहराएगा और अमेरिकी लोगों के लिए रोज़गार के अवसर वापस लाएगा।
ऑटोमेटिक वर्क परमिट रिन्यूअल भी ख़त्म
इसके साथ ही, अमेरिकी सरकार ने वर्क परमिट के ऑटोमेटिक रिन्यूअल की सुविधा भी बंद कर दी है। पहले, कुछ विदेशी कर्मचारियों को वर्क परमिट रिल्यू करने के लिए आसानी से एक्सटेंशन मिल जाता था, लेकिन अब उन्हें दोबारा पूरी जाँच प्रक्रिया से गुज़रना होगा। इस बदलाव का असर भी कई भारतीय कर्मचारियों पर पड़ने की आशंका है।
यह नियम उन विदेशी नागरिकों पर लागू होता है जिन्हें अमेरिका में अस्थायी रूप से काम करने के लिए वर्क परमिट की ज़रूरत पड़ती है। सरकार का कहना है कि यह फ़ैसला सुरक्षा और सही जाँच सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
आगे क्या होगा: इन नए बदलावों और सख्त रवैये से यह साफ़ है कि आने वाले दिनों में अमेरिका में काम करने के इच्छुक भारतीय पेशेवरों के लिए चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं। वीज़ा हासिल करना और उसे बनाए रखना अब पहले से ज़्यादा मुश्किल हो सकता है।
 
                    
 (1)_1078236602_100x75.jpg)

 (1)_1926346479_100x75.jpg)
