Up Kiran, Digital Desk: आज के समय में अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी है, खासकर मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए। इन्फ्लूएंजा, जिसे हम आम भाषा में 'फ्लू' या 'सर्दी-ज़ुकाम' कह देते हैं, हर साल कई लोगों को अपनी चपेट में लेता है। इसी को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने फ्लू के टीकाकरण (Influenza Vaccination) को लेकर अपने दिशानिर्देशों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब भारत, दुनिया भर के देशों के साथ मिलकर इस मामले में कदम मिलाएगा।
क्या है यह बड़ा बदलाव?
दरअसल, दुनिया भर में इन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए जो मानक और दिशानिर्देश तय किए गए हैं, भारत सरकार अब उन्हीं को अपना रही है। इसका सीधा मतलब यह है कि अब फ्लू के टीके की सिफारिशें ज़्यादा व्यापक हो सकती हैं, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें। पहले जो लोग टीका लगवाने के दायरे में आते थे, अब शायद उनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।
यह बदलाव क्यों ज़रूरी है?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कदम देश में इन्फ्लूएंजा के मामलों को बेहतर ढंग से नियंत्रित करने में मदद करेगा। जब हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत और प्रभावी तरीकों को अपनाते हैं, तो हम बीमारियों से लड़ने में ज़्यादा मज़बूत बनते हैं। इससे खासकर उन लोगों को फायदा होगा जिन्हें फ्लू होने का सबसे ज़्यादा खतरा रहता है।
किसे मिलेगा ज़्यादा फायदा?
माना जा रहा है कि इन नए दिशानिर्देशों के तहत, बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और उन लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जो किसी पुरानी बीमारी (जैसे अस्थमा, डायबिटीज, हृदय रोग) से पीड़ित हैं। इन समूहों के लिए फ्लू गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है, इसलिए उनके टीकाकरण को प्राथमिकता दी जाएगी।
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