
Up Kiran, Digital Desk: अगर आप केंद्रीय कर्मचारी हैं और आपकी नियुक्ति 1 जनवरी, 2004 के बाद हुई है, तो यह खबर आपके लिए बहुत काम की है! सरकार ने हाल ही में 'यूनिफाइड पेंशन स्कीम' (Unified Pension Scheme - UPS) से जुड़े कराधान (Taxation) नियमों को लेकर कुछ अहम बदलाव किए हैं, जिन्हें जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी है। ये बदलाव आपकी भविष्य की पेंशन और टैक्स देनदारी को सीधे तौर पर प्रभावित करेंगे।
क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम और ये बदलाव?
दरअसल, केंद्र सरकार ने उन कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू की है, जिनकी भर्ती 1 जनवरी, 2004 के बाद हुई है। इस स्कीम का मकसद उन्हें 'अंतिम आहरित वेतन' (last drawn basic pay) का 50% और महंगाई भत्ता (DA) सहित एक निश्चित और गारंटीड पेंशन देना है, ठीक उसी तरह जैसे पुरानी पेंशन योजना (OPS) में मिलती थी। यह योजना 1 अप्रैल, 2022 से लागू मानी जाएगी।
अब सबसे बड़ा सवाल है कि इस स्कीम के तहत जमा होने वाले पैसे पर टैक्स कैसे लगेगा? यहीं पर सरकार ने कुछ स्पष्टीकरण दिए हैं, जो नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) के सदस्यों के लिए अलग-अलग हैं:
NPS सदस्यों के लिए: मिलेगी टैक्स में बड़ी राहत!
जो केंद्रीय कर्मचारी पहले से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के सदस्य हैं और अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम का हिस्सा बनेंगे, उनके लिए एक अच्छी खबर है। उनकी मासिक वेतन से यूनिफाइड पेंशन स्कीम में होने वाला योगदान आयकर अधिनियम की धारा 80CCD(2) के तहत टैक्स-फ्री होगा। इसका मतलब है कि उन्हें इस योगदान पर टैक्स छूट मिलेगी, जिससे उनकी कुल टैक्स देनदारी कम हो जाएगी। यह उनके लिए एक बड़ा वित्तीय फायदा है!
OPS सदस्यों के लिए: कोई अतिरिक्त टैक्स छूट नहीं!
वहीं, जो केंद्रीय कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) का विकल्प चुनते हैं और यूनिफाइड पेंशन स्कीम में शामिल होते हैं, उनके लिए स्थिति थोड़ी अलग है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि उनके वेतन से यूनिफाइड पेंशन स्कीम में होने वाला योगदान टैक्स छूट के दायरे में नहीं आएगा।
ऐसा क्यों?
इसके पीछे सरकार का तर्क यह है कि पुरानी पेंशन योजना के तहत रिटायरमेंट पर मिलने वाले सभी लाभ – जैसे पेंशन, ग्रेच्युटी (Gratuity) और पेंशन का एकमुश्त हिस्सा (Commutation) – पहले से ही पूरी तरह से टैक्स-फ्री हैं। ऐसे में, उनके योगदान पर अतिरिक्त टैक्स छूट देना तर्कसंगत नहीं होगा। यानी, उन्हें पहले से ही मिलने वाले टैक्स-फ्री रिटायरमेंट बेनिफिट्स के कारण योगदान पर अलग से छूट नहीं मिलेगी।
आपके लिए क्या मायने रखते हैं ये नियम?
ये नए नियम केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अपनी वित्तीय योजना बनाने में बहुत महत्वपूर्ण हैं। आपको यह समझना होगा कि आप किस श्रेणी में आते हैं (NPS या OPS) और उसके अनुसार अपनी टैक्स प्लानिंग करें। यदि आप NPS सदस्य हैं तो यह आपके लिए एक बचत का मौका है, लेकिन यदि आप OPS का विकल्प चुनते हैं तो आपको योगदान पर अलग से टैक्स छूट नहीं मिलेगी।
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