
Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) और राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (CRDA) के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह कदम राज्य में शहरी विकास को व्यवस्थित करने, पारदर्शिता बढ़ाने और नागरिकों को बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
ये नए दिशानिर्देश शहरी नियोजन, भूमि उपयोग, भवन निर्माण परमिट, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और अन्य शहरी विकास गतिविधियों से संबंधित विभिन्न पहलुओं को कवर करते हैं। सरकार का लक्ष्य इन निकायों के कामकाज को सुव्यवस्थित करना और यह सुनिश्चित करना है कि शहरी विकास योजनाबद्ध तरीके से हो, जिससे शहरों में बेहतर जीवन गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।
संशोधित दिशानिर्देशों के मुख्य बिंदु:
पारदर्शिता और जवाबदेही: नए नियमों में ULB और CRDA के कार्यों में अधिक पारदर्शिता लाने पर जोर दिया गया है, जिससे भ्रष्टाचार कम हो और जवाबदेही तय हो सके।
तेजी से अनुमोदन प्रक्रिया: भवन निर्माण परमिट और अन्य अनुमोदनों की प्रक्रिया को सरल और तेज करने का प्रयास किया गया है, जिससे निवेशकों और नागरिकों को आसानी हो।
पर्यावरण अनुकूल विकास: दिशानिर्देशों में स्थायी और पर्यावरण-अनुकूल शहरी विकास को बढ़ावा देने वाले प्रावधान भी शामिल हो सकते हैं, जैसे हरित भवनों को प्रोत्साहन और जल संरक्षण।
बुनियादी ढांचे का विकास: शहरी क्षेत्रों में सड़क, जल निकासी, स्वच्छता और अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए स्पष्ट मानक और प्राथमिकताएं निर्धारित की गई हैं।
नागरिक-केंद्रित सेवाएं: नागरिकों को बेहतर और कुशल सेवाएं प्रदान करने पर जोर दिया गया है, जिसमें ऑनलाइन सेवाओं का विस्तार और शिकायतों का त्वरित निवारण शामिल हो सकता है।
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