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Up Kiran, Digital Desk: उत्तराखंड में हो रही निरंतर भारी बारिश और भूस्खलन की संभावनाओं को देखते हुए प्रशासन ने चार धाम यात्रा को एक दिन के लिए रोक दिया है। यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

अधिकारियों का कहना है कि तीर्थयात्रियों की जान-माल की रक्षा के लिए यह कदम जरूरी था। सभी तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि वे जहां हैं, वहीं रुके रहें और तब तक यात्रा न करें जब तक मौसम सामान्य न हो जाए और सड़कें फिर से चालू न हो जाएं।

गढ़वाल क्षेत्र के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने पुष्टि की है कि आपदा की आशंका को देखते हुए सभी संबंधित जिलों को सतर्क कर दिया गया है। राहत एवं बचाव टीमों को भी सक्रिय कर दिया गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मौसम और मार्गों की समीक्षा के बाद ही अगले दिन की यात्रा पर कोई निर्णय लिया जाएगा।

उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना, कई मजदूर लापता

यात्रा स्थगन का फैसला उस समय लिया गया जब उत्तरकाशी के बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर सिलाई बैंड में बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया। इस घटना में एक निर्माण स्थल से नौ मजदूर लापता बताए जा रहे हैं।

पुलिस के अनुसार, घटना रविवार तड़के की है जब यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के पास बादल फटा। भारी बारिश और मलबा बहने की वजह से निर्माण कार्य में लगे श्रमिक बह गए। बताया गया कि ये सभी नेपाली नागरिक थे। स्थानीय प्रशासन की टीमें खोजबीन में जुटी हैं।

इसी घटना के बाद सिलाई बैंड सहित कई हिस्सों में राजमार्ग पर आवागमन ठप हो गया है। कुथनौर गांव में खेतों को भारी नुकसान पहुंचा है, जबकि ओजरी के पास सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। यमुना का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे स्यानाचट्टी इलाके का पुल भी खतरे में आ गया है।

मौसम विभाग का रेड अलर्ट जारी

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने राज्य के लिए 30 जून और 1 जुलाई को रेड अलर्ट जारी किया है। विभाग ने उत्तराखंड और आस-पास के कुछ इलाकों में अत्यधिक वर्षा की चेतावनी दी है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

आईएमडी के अनुसार, इसके बाद मध्य भारत के हिस्सों में 2 और 3 जुलाई को भारी बारिश होने की संभावना है, हालांकि 4 और 5 जुलाई को मौसम सामान्य रहने की उम्मीद है।

चार धाम यात्रा: आध्यात्मिक आस्था की परंपरा

चार धाम यात्रा हर साल अप्रैल-मई में शुरू होती है और अक्टूबर-नवंबर तक चलती है। यह यात्रा हिंदू धर्म के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा को शामिल करती है।

इस वर्ष यात्रा 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई थी। इसके बाद केदारनाथ 2 मई को और बद्रीनाथ 4 मई को भक्तों के दर्शन के लिए खोले गए थे।

चार धाम को लेकर धार्मिक मान्यता है कि ये स्थल मोक्ष प्राप्ति के द्वार हैं। परंपरागत रूप से यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री से होती है और यह बद्रीनाथ पर समाप्त होती है। सड़क मार्ग के साथ-साथ अब हेलीकॉप्टर सेवाएं भी तीर्थयात्रियों के लिए एक सुविधाजनक विकल्प बन चुकी हैं।

पर्यटन विभाग ने यात्रियों को यात्रा से पहले मौसम की जानकारी लेने और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।

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