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बिहार के सीएम नीतीश कुमार की नजर 2024 के लोकसभा इलेक्शन पर है। इसके लिए उन्होंने यूपी की राजनीति की भविष्यवाणी करना शुरू कर दिया है। साथ ही नीतीश कुमार उप्र में अपना राजनीतिक आधार भी बनाने में जुट गए हैं।

खास बात यह है कि उन्होंने यूपी के 2024 चुनाव को गुजरात मॉडल बनाम बिहार मॉडल बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। हाल ही में बिहार सरकार के एक मंत्री ने कहा था कि बिहार ने यूपी के हजारों बच्चों को नौकरी दी है, यूपी में गुजरात मॉडल फेल हो गया है। इसी के तहत अब नीतीश कुमार का मार्च चल रहा है।

2024 का चुनाव गुजरात बनाम बिहार मॉडल

नीतीश कुमार 24 दिसंबर को वाराणसी के रोहनिया में जनसभा करेंगे। काशी का रोहनिया इलाका पटेल वोट बैंक के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस जनसभा से नीतीश कुमार यूपी में अपनी मौजूदगी दिखाएंगे। नीतीश के बहुत खास माने जाने वाले श्रवण कुमार को जनसभा को सफल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। श्रवण कुमार बनारस में कैंप कर इस आयोजन को सफल बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

जेडीयू ने आगामी लोकसभा इलेक्शन को बिहार बनाम गुजरात मॉडल के तौर पर प्रचारित करना शुरू कर दिया है। बिहार के कैबिनेट मंत्री श्रवण कुमार ने वाराणसी में कहा कि यूपी में डबल इंजन सरकार और गुजरात मॉडल दोनों फेल हो गए हैं। बिहार मॉडल ही देश के वंचितों, शोषितों और गरीबों की आर्थिक बदहाली दूर करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि यूपी के हजारों बच्चों को बिहार में नौकरी मिली है, ये बिहार मॉडल की देन है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जो सरकार रोजी-रोटी नहीं दे सकती, वह गुजरात मॉडल की बात कैसे कर रही है।

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