के टेस्ट टीम से बाहर होने के बाद, भारत ने नंबर‑3 (तीसरे क्रम में बल्लेबाज़ी) के लिए पुजारा की जगह भरने में असफलता देखी है। इस पद के लिए सात टेस्ट मैचों में छह खिलाड़ी परखे गए — लेकिन सभी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे।
अभी तक इस पद पर खेलने वाले खिलाड़ी हैं:
देवदत्त पडिक्कल
शुभमन गिल
केएल राहुल
साई सुदर्शन
करुण नायर
इनमें से कोई भी खिलाड़ी पक्का विकल्प साबित नहीं हुआ। खासकर अभी चले इंग्लैंड दौरे के दूसरे टेस्ट में करुण नायर को मौका मिला, लेकिन वे केवल 31 रन बनाकर आउट हो गए, जिससे टीम की समस्याएँ जारी रहीं ।
गिल की स्थिति भी ठोस नहीं — उन्होंने नंबर-3 पर 30 पारियों में लगभग 1,019 रन बनाए, लेकिन औसत केवल 38 की रही, साथ ही तीन टेस्ट शतकों के बावजूद उन्हें नंबर‑3 का स्थायी बल्लेबाज़ नहीं माना गया । राहुल और सुदर्शन को भी मौका मिला, लेकिन संतोषजनक प्रदर्शन नहीं मिला।
यह समस्या न केवल वर्तमान टेस्ट श्रृंखला तक सीमित है; यह पिछले सात मैचों में पांच खिलाड़ियों के लगातार बदलने की कहानी है । इस अनिश्चितता ने टीम की कड़ी बल्लेबाज़ी को कमजोर किया है।
यह पढ़कर पिछली पीढ़ियों के नंबर‑3 बल्लेबाज़—जैसे कि चेतेश्वर पुजारा, जो 155 पारियों में लगभग 6,529 रन और औसत 45 से अधिक का रिकॉर्ड रखते हैं — की महत्ता स्पष्ट होती है ।
आगे क्या?
कोचिंग टीम और चयनकर्ताओं के सामने बड़ी चुनौती है – नंबर‑3 के लिए पक्का और भरोसेमंद बल्लेबाज़ ढूंढना। संभव विकल्पों में घरेलू क्रिकेट में चल रहे Abhimanyu Easwaran, Sai Sudharsan जैसे नाम भी शामिल हैं, लेकिन उन्हें अभी निरंतर प्रदर्शन करना होगा ।
इस बीच, शुभमन गिल को कप्तान के रूप में समय मिला है और भविष्य में वह या कोई युवा खिलाड़ी यह रिक्त स्थान भर सकता है, लेकिन फिलहाल टीम को एक ठोस उत्तर नहीं मिला है।
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