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Up Kiran, Digital Desk: मानसून दस्तक दे चुका है और इसके साथ ही शहरों में जलभराव, ट्रैफिक जाम और अन्य परेशानियों की चिंता भी शुरू हो जाती है। लेकिन इस बार तेलंगाना में अधिकारियों ने कमर कस ली है। डिप्टी कमिश्नर (DC) ने भरोसा दिलाया है कि जनता को बारिश के मौसम में किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए सभी ज़रूरी और सक्रिय कदम उठाए जा रहे हैं। यह एक राहत भरी खबर है, खासकर उन शहरी इलाकों के लिए जहाँ थोड़ी भी बारिश से सड़कें तालाब बन जाती हैं।

क्या-क्या तैयारी की जा रही है?
डीसी के अनुसार, प्रशासन ने कई पहलुओं पर काम करना शुरू कर दिया है ताकि बारिश के प्रभाव को कम किया जा सके:

पानी निकासी की व्यवस्था दुरुस्त: सबसे पहली प्राथमिकता है नालों और ड्रेनेज सिस्टम की सफाई। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पानी की निकासी में कोई रुकावट न हो, जिससे सड़कों पर पानी जमा न हो पाए।

मलबे की सफाई: सड़कों और नालों के आस-पास जमे हुए कचरे और मलबे को हटाया जा रहा है ताकि पानी का बहाव बाधित न हो।

खतरनाक ढांचों पर नज़र: पुरानी और जर्जर इमारतों और ढांचों की पहचान की जा रही है, जो बारिश में खतरा बन सकते हैं। इन पर नज़र रखी जा रही है और ज़रूरी होने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

आपातकालीन टीमें तैयार: आपदा प्रबंधन दल (DRF) और अन्य आपातकालीन सेवाएं पूरी तरह से तैयार हैं। किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए बचाव और राहत कार्य के लिए टीमें मुस्तैद रहेंगी।

जनता से सहयोग की अपील: अधिकारियों ने जनता से भी सहयोग की अपील की है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे खुले मैनहोल या जलभराव वाले इलाकों से दूर रहें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रशासन को सूचित करें।

क्यों ज़रूरी है यह तैयारी?
बारिश सिर्फ पानी ही नहीं लाती, बल्कि अपने साथ कई चुनौतियां भी लाती है, जैसे:

यातायात में बाधा: जलभराव से ट्रैफिक जाम होता है, जिससे लोगों को काम पर पहुंचने में देर होती है।

स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे: जमा हुए पानी से मच्छर पनपते हैं और जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ता है।

सुरक्षा का खतरा: बिजली के तार, खुले मैनहोल और ढीली सड़कें सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं।

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