Up Kiran, Digital Desk: मुंबई की पहचान उसकी रफ़्तार से है, लेकिन इस रफ़्तार को अक्सर भारी ट्रैफिक धीमा कर देता है. लेकिन अब लग रहा है कि यह परेशानी जल्द ही खत्म होने वाली है! ख़बर आ रही है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फ़डणवीस (CM Fadnavis) ने मुंबई में 'पॉड टैक्सियों' के एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है. अब सोचिए, ट्रैफिक में फँसने के बजाय आप एक छोटी, हवा में चलने वाली टैक्सी में बैठकर अपनी मंज़िल तक पहुंचेंगे - यह कितना शानदार अनुभव होगा!
क्या हैं ये पॉड टैक्सियां और ये क्यों ख़ास हैं?
पॉड टैक्सियां, जिन्हें पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (PRT) सिस्टम भी कहा जाता है, असल में छोटे, स्वचालित वाहन होते हैं. ये एलिवेटेड ट्रैक पर चलते हैं, मतलब ज़मीन से ऊपर, ठीक मेट्रो की तरह. लेकिन ये मेट्रो से छोटे और निजी होते हैं. यह नई टेक्नोलॉजी सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए भी काफी मॉडर्न और इको-फ्रेंडली मानी जाती है. सबसे अच्छी बात ये है कि ये कम जगह घेरते हैं, बिजली से चलते हैं, जिससे प्रदूषण भी कम होता है, और आपकी यात्रा को बहुत तेज़ और आरामदायक बना देते हैं.
तो मुंबई को कैसे होगा फ़ायदा?
यह पॉड टैक्सी सिस्टम मुंबई की "लास्ट-माइल कनेक्टिविटी" को बेहतर बनाने वाला है. इसका मतलब ये हुआ कि अब आपको ट्रेन या मेट्रो स्टेशन से उतरकर अपनी ऑफ़िस या घर तक पहुँचने के लिए लंबा ऑटो या टैक्सी का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा. बस, पॉड टैक्सी आपको झट से वहाँ पहुंचा देगी!
पहले कहाँ-कहाँ दिखेंगी ये 'हवाई टैक्सियां'?
शुरुआती चरण में, मुंबई में कुछ ख़ास और भीड़-भाड़ वाले इलाकों पर फोकस किया जाएगा:
- बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC): यह मुंबई का एक बड़ा बिज़नेस हब है. यहां सबसे पहले BKC को उसके सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन (शायद कुर्ला या बांद्रा स्टेशन) से जोड़ने के लिए इस प्रोजेक्ट को शुरू किया जाएगा. इससे रोज़ यहां आने-जाने वाले हज़ारों लोगों का सफ़र आसान हो जाएगा.
- अन्य संभावित मार्ग: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाद में घाटकोपर मेट्रो स्टेशन, कांजुरमार्ग और सीएसएमटी (छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस) जैसे इलाकों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है. इससे शहर के मुख्य स्टेशनों और परिवहन हब को आपस में जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रियों को बहुत सहूलियत मिलेगी.
यह सिर्फ़ ट्रांसपोर्ट नहीं, ये एक नई सोच है!
यह पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट सिर्फ़ ट्रांसपोर्ट का एक नया ज़रिया नहीं, बल्कि ये दिखाता है कि मुंबई भविष्य के लिए कितनी तेज़ी से तैयारी कर रहा है. ये तेज़ है, कुशल है, और पर्यावरण के लिहाज़ से भी बेहतर है. कम परिचालन लागत और यात्रियों के लिए आरामदायक यात्रा इसकी बड़ी ख़ासियतें होंगी. कल्पना कीजिए, बिना किसी ट्रैफिक या भागदौड़ के, आप आराम से अपने पॉड में बैठकर मुंबई की बदलती तस्वीर देखेंगे. तो अब बस इंतज़ार है कि ये सपना कब हकीक़त बनता है!

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