
Up Kiran, Digital Desk: शुक्रवार को, कलेक्टर ने पेब्बड़ नगरपालिका के किसान जंक्शन खाद दुकान, प्राथमिक कृषि सहकारी समिति कार्यालय और श्रीरंगापुर मंडल के गोदाम का औचक निरीक्षण (Surprise Inspection) किया। इस औचक कार्रवाई से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया और किसान कल्याण व उर्वरक उपलब्धता के मुद्दे एक बार फिर सुर्खियों में आ गए।
कहीं 'कालाबाजारी' तो नहीं? जानिए कैसे हुई स्टॉक की गहन जांच
कलेक्टर ने दुकानों के बाहर लिखे खाद स्टॉक, दुकान के अंदर मौजूद स्टॉक और गोदाम में रखे उर्वरक की बारीकी से जांच की। उनका मुख्य ध्यान यूरिया और डीएपी (DAP) के स्टॉक का ऑनलाइन दर्ज स्टॉक से मिलान करना था, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता या खाद की कमी को उजागर किया जा सके। इस दौरान, खाद दुकान के मालिक ने बताया कि 45 किलोग्राम यूरिया के बोरे 266 रुपये में और एक कैन नैनो यूरिया (Nano Urea) 265 रुपये में बेचा जा रहा है। नैनो यूरिया, जो कि फसल के लिए अत्यधिक कुशल और पर्यावरण-अनुकूल माना जाता है, आजकल किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, कलेक्टर ने सख्त लहजे में कहा कि यदि एमआरपी (MRP) से अधिक कीमत पर उर्वरक की बिक्री की गई, तो कठोर कार्रवाई (Strict Action) की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि किसानों को उतनी ही खाद दी जाए जितनी उन्हें आवश्यकता है, और जरूरत से ज्यादा देकर कृत्रिम कमी (Artificial Shortage) पैदा न की जाए। इस प्रकार की कालाबाजारी किसानों को सबसे अधिक प्रभावित करती है और कृषि उत्पादन (Agricultural Production) पर नकारात्मक असर डालती है।
नैनो यूरिया का 'ज्ञान' किसानों तक: मंडल कृषि अधिकारी को मिला खास निर्देश!
कलेक्टर ने मंडल कृषि अधिकारी (Mandal Agriculture Officer) को नैनो यूरिया के उपयोग (Nano Urea Usage) के बारे में किसानों के बीच जागरूकता (Farmer Awareness) पैदा करने का निर्देश दिया। नैनो यूरिया कम मात्रा में अधिक प्रभावी होती है और पारंपरिक यूरिया की तुलना में पर्यावरण पर कम प्रभाव डालती है। उन्होंने यह भी सलाह दी कि मंडल कृषि अधिकारी समय-समय पर खाद दुकानों का औचक निरीक्षण (Surprise Checks) करें और कीमतों पर कड़ी निगरानी (Price Monitoring) रखें। यह कृषि विकास और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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