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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में बड़े निवेश और औद्योगिक विकास की राह में अब जमीन की कमी रोड़ा नहीं बनेगी. योगी सरकार ने राज्य के सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों (IDAs) को जमीन आवंटन की प्रक्रिया में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए हैं, ताकि बड़े निवेश प्रोजेक्ट्स को जल्द से जल्द शुरू किया जा सके.

1.68 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट जमीन के इंतजार में

शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा में हुई एक बड़ी बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक की अध्यक्षता करते हुए अपर मुख्य सचिव (बुनियादी ढांचा और औद्योगिक विकास) आलोक कुमार ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए. अधिकारियों के मुताबिक, 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के 132 निवेश प्रोजेक्ट्स, जिनकी कुल कीमत 1.68 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है, जमीन से जुड़े मुद्दों की वजह से अटके हुए हैं. इन प्रोजेक्ट्स में इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स, फूड प्रोसेसिंग, वेयरहाउसिंग, सीमेंट और डेटा सेंटर जैसे बड़े सेक्टर शामिल हैं.

खाली पड़े प्लाटों का होगा इस्तेमाल

राज्य सरकार ने सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में 33,000 से ज्यादा औद्योगिक प्लाटों का सर्वे कराया है, जिसमें से करीब 25 प्रतिशत अभी भी खाली पड़े हैं. अधिकारियों को इन खाली प्लाटों पर जल्द से जल्द यूनिट शुरू करवाने और हर महीने 25,000 एकड़ से ज्यादा के लैंड बैंक को अपडेट करने का निर्देश दिया गया है.

बनेगी एक जैसी पॉलिसी: निवेशकों की सहूलियत के लिए सरकार एक 'यूनिफाइड लैंड अलॉटमेंट पॉलिसी' यानी जमीन आवंटन की एक जैसी नीति पर भी काम कर रही है. इसके अलावा, बिल्डिंग बनाने के नियमों को भी सभी औद्योगिक प्राधिकरणों के लिए एक जैसा बनाया जाएगा, ताकि प्रक्रिया और भी आसान हो सके.

अधिकारियों को साफ तौर पर कहा गया है कि 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश प्रस्तावों को 15 दिनों के अंदर प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाए. इस कदम से उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास की रफ्तार और तेज होगी.

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